Iss Pyar Ko Kya Naam Doon? | Season 1 | Episode 1- Part 2: This is the story of Arnav Raizada, a wealthy and arrogant business tycoon from Delhi, and Khushi Kumari Gupta, a bubbly and spirited girl from a middle-class family in Lucknow. Arnav and Khushi couldn’t have been more different—while Arnav exudes pride and control, Khushi is full of life, warmth, and a touch of mischief. Despite their contrasting personalities, fate brought them together time and again, leading to numerous clashes and delightful banter that only deepened their connection.
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In a dramatic turn of events, Arnav was forced to marry Khushi to protect his elder sister Anjali’s marriage. What began as an unwanted and reluctant union slowly transformed into something extraordinary. As they spent time together, their bond strengthened, and their differences started to complement each other. The once reluctant couple began to understand and care for one another, turning their arranged relationship into a lifetime of love.
Khushi, who initially felt out of place in Arnav’s world, found her true identity and a new sense of self-worth through this journey. Together, Arnav and Khushi discovered the true meaning of love, trust, and companionship. Their story culminated in a beautiful “happily ever after.”
Show Name:Iss Pyar Ko Kya Naam Doon? | Season Episode: 1 – Part 2
Iss Pyar Ko Kya Naam Doon? | Season 1 | Episode 1- Part 1 – This is the love story of Arnav Raizada, a business tycoon from Delhi, and Khushi, a cheerful girl from a middle-class family in Lucknow. Their worlds were poles apart—Arnav, an arrogant and self-made man, and Khushi, a lively and spirited individual. Fate brought them together in the most unexpected ways, leading to frequent clashes that sparked a series of sweet and amusing arguments.
Iss Pyar Ko Kya Naam Doon? | Season 1 | Episode 1- Part 1
Who is Arnav Raizada?
Arnav Raizada is a sharp, confident, and successful business tycoon from Delhi. Known for his intelligence and ruthless attitude in the corporate world, Arnav believes in practicality over emotions. His upbringing taught him to rely on himself, which shaped him into a self-made man, but also made him distant and emotionally guarded. Arnav is often perceived as arrogant and cold-hearted, but deep down, he has a soft side that only a few people ever see. His love for his elder sister, Anjali, highlights his protective and caring nature. Despite his tough exterior, Arnav’s life takes an unexpected turn when he meets Khushi, a spirited and cheerful girl who challenges everything he stands for. Over time, his relationship with her transforms him, breaking his walls and bringing out his true, compassionate self.
Who is Khushi Kumari Gupta?
Khushi Kumari Gupta is a lively, optimistic girl from a middle-class family in Lucknow. With her infectious energy and cheerful nature, she brings warmth and joy to everyone around her. Raised with strong values, Khushi firmly believes in love, family, and traditions. Her bubbly personality often hides her inner strength and resilience, which come to light in challenging situations. Despite life’s adversities, Khushi faces every hurdle with determination and a smile. Her simplicity and honesty contrast sharply with Arnav’s world of luxury and logic, creating a spark that forever changes both their lives. Over time, Khushi grows into a confident woman, finding her identity while staying true to her values. Her journey is one of love, growth, and self-discovery.
What are going to watch in this Episode?
In an unexpected twist, Arnav was compelled to marry Khushi to save his elder sister Anjali’s marriage. What began as a relationship built out of necessity soon began to evolve. Over time, their bond grew stronger, overcoming misunderstandings and bridging the gap between their contrasting personalities. Their unwanted relationship slowly transformed into a deep and everlasting love.
Through this journey, Khushi found a new identity and purpose, standing tall and confident in her own right. Together, Arnav and Khushi faced life’s challenges, discovering the true meaning of love and companionship. Their story is a testament to how opposites attract, and how even the most reluctant unions can turn into beautiful bonds.
In the end, Arnav and Khushi achieved their “happily ever after,” proving that love has the power to transform and bring two hearts together, no matter how different they may seem. Their journey of love, conflict, and eventual understanding continues to inspire, showing that true love conquers all.
If you found their story captivating, there’s even more to explore! You can watch their journey unfold in a heartwarming video that I’ll be sharing on the website. The video captures every twist, turn, and tender moment of Arnav and Khushi’s love story, making it an even more delightful experience. Don’t miss out on seeing this charming tale come to life.
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जनता दरबार से निकलते समय गिरिराज सिंह पर चलाया मुक्का; केंद्रीय मंत्री को सुरक्षाकर्मियों ने बचाया l आरोपी को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की जा रही है।
बेगूसराय के सांसद सह केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पर एक युवक ने हमला कर दिया। यह घटना तब हुई जब जनता दरबार में वह लोगों की बात सुन रहे थे। घटना baliya प्रखंड की है। सुरक्षकर्मियों ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपी की पहचान मोहम्मद सैफी के रूप में की गई है।
पहले माइक छीनकर अनर्गल बयानबाजी किया औरे फिर हमला किया
घटना के संबंध में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बताया कि केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह बलिया अनुमंडल में लोगों से मुलाकात कर रहे थे और लोगों की समस्याओं को सुन रहे थे। उसी वक्त वहां मोहम्मद सैफी नाम का एक युवक वहां पहुंचा और सबसे पहले उसने माइक को अपने कब्जे में ले लिया और अनाप-शनाप बयानबाजी करने लगा। इसी बात से जब भाजपा के कार्यकर्ताओं एवं आम लोगों ने उसका विरोध किया तब आरोपी युवक ने गिरिराज सिंह पर मुक्का चला दिया। हालांकि वहां पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने गिरिराज सिंह को बचा लिया।
हमला के बाद फिर गरजे गिरिराज, कहा- धर्म की रक्षा के लिए एक होना ही पड़ेगा
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सीधे-सीधे आरोप लगाते हुए कहा है कि दाढ़ी बढ़ाने से कोई मुल्ला नहीं बन जाता और जिस तरह से ऊक्त मुस्लिम युवक के द्वारा उन्हें डराने धमकाने का काम किया जा रहा है वह इससे डरने वाले नहीं है। गिरिराज सिंह ने कहा कि बिहार में तेजस्वी यादव एवं उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव जैसे लोगों का समर्थन मिलने की वजह से आज अपने आप को कट्टरपंथी मुसलमान कहलाने वाले लोगों का मनोबल बढ़ा है और वह एक सांसद पर भी हमला करने से नहीं चुक रहे हैं। उन्होंने एक बार फिर बख़्फ बोर्ड पर सवाल उठाते हुए कहा है कि वक्फ बोर्ड के द्वारा फतुहा ही नहीं बल्कि बेगूसराय में भी हिंदुओं के जमीन पर नोटिस भेजा जा रहा है और उसे अपना बताया जा रहा है। वक्त बोर्ड का काम वर्तमान में जमीन जुटाव अभियान में तब्दील हो चुका है। उन्होंने सीधे शब्दों में कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने जो कहा है बटोगे तो कटोगे वह बिल्कुल सत्य है और हिंदुओं को अपनी सुरक्षा एवं सनातन धर्म की रक्षा के लिए एक होना ही पड़ेगा, नहीं तो अखिलेश यादव तेजस्वी यादव एवं राहुल गांधी जैसे लोग भारत को इस्लामिक कंट्री बनाकर ही दम लेंगे।
‘मिर्जापुर 3’ का बोनस एपिसोड 30 अगस्त को रिलीज़ हुआ
इस एपिसोड में सीज़न 3 के हटाए गए सीन दिखाए गए हैं
सीज़न 2 में मारे गए मुन्ना भैया ने प्रशंसकों को संबोधित किया
हिट गैंगस्टर ड्रामा, ‘मिर्जापुर 3’ के निर्माताओं ने प्राइम वीडियो पर शो के प्रीमियर के दो महीने बाद, शुक्रवार, 30 अगस्त को शो का बोनस एपिसोड रिलीज़ किया। जबकि इस एपिसोड को दिव्येंदु शर्मा द्वारा निभाए गए मुन्ना भैया की वापसी के रूप में प्रचारित किया गया था, लेकिन यह तीसरे सीज़न से हटाए गए दृश्यों का एक संग्रह निकला।
एपिसोड की शुरुआत मुन्ना त्रिपाठी द्वारा शो में उन्हें वापस लाने की प्रशंसकों की बार-बार की गई माँगों को संबोधित करने से होती है। “मेरे जाने से काफी हलचल मच गई। मैंने सुना है कि हमारे वफ़ादार प्रशंसकों ने मुझे बहुत याद किया। ईमानदारी से कहूँ तो, मैंने भी आप सभी को बहुत याद किया। वफ़ादारी मेरे लिए सर्वोपरि है, और आपका अटूट समर्थन पुरस्कार का हकदार है,” उन्होंने घोषणा करने से पहले कहा कि बोनस एपिसोड में ‘मिर्जापुर 3’ के हटाए गए दृश्य शामिल हैं।
‘मिर्जापुर 2’ के आखिरी एपिसोड में अंतिम गोलीबारी में, गुड्डू और गोलू (श्वेता त्रिपाठी) ने कालीन भैया (पंकज त्रिपाठी) और मुन्ना भैया पर हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप मुन्ना की मौत हो गई। हालाँकि, कालीन भैया शरद शुक्ला की मदद से भागने और अपनी जान बचाने में कामयाब रहे, जिन्होंने दूसरे सीज़न में उनके दुश्मन के रूप में प्रवेश किया था।
हटाए गए दृश्यों में गुड्डू को अपने परिवार के घर पर दिखाया गया है, रॉबिन और डिंपी अपने पिता रमाकांत पंडित को जेल से बाहर निकालने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। हर हटाए गए दृश्य के बीच, दिव्येंदु शर्मा मुन्ना के रूप में ‘मिर्जापुर 3’ के प्रमुख पात्रों की हरकतों पर टिप्पणी करते हुए दिखाई देते हैं। एक समय पर, वह सोचता है, “मुझे एक प्रेरक वक्ता बनना चाहिए।” और, दूसरे समय पर, वह “डैशिंग सीएम” बनने के विचार पर भी मुस्कुराता है।
हालांकि, ‘मिर्जापुर 3’ के पहले रिलीज़ हुए एपिसोड की तरह, बोनस एपिसोड में भी साज़िश और रोमांच की कमी है। 25 मिनट लंबे एपिसोड के अंत में, मुन्ना भैया दर्शकों से वादा करता है कि वह वापस आएगा। वह कहता है, “मेरा समय पूरा हो गया है। चिंता मत करो। मैं वापस आता रहूँगा। बस एक शर्त है – मिर्जापुर के लिए अपना प्यार भेजते रहो।”
इससे पहले, मिर्जापुर 3 के सह-निर्देशक आनंद अय्यर ने पुष्टि की थी कि शो का सीज़न 4 उम्मीद से पहले आने वाला है। उन्होंने नए सीज़न के बारे में अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि पावर डायनेमिक्स और रिलेशनशिप निश्चित रूप से अधिक रुचि आकर्षित करने वाले हैं।
Bihar Lekhapal IT Sahayak New Vacancy 2024: अगर आप बिहार के निवासी हैं और किसी वेकन्सी का इंतज़ार कर रहे हैं तोह आपका इंतज़ार ख़त्म होता हैं, क्यूंकि बिहार सरकार लाया हैं लेखपाल IT सहायक के पदों में बहाली। जिसकी जानकारी नोटिफिकेशन के द्वारा प्रसारित की गयी हैं। आइये इस लेख के माधयम से Bihar Lekhapal IT Sahayak New Vacancy 2024 से जुड़ी साड़ी जानकारियों को जानते और समझते हैं की इस vacancy के लिए apply करने के लिए क्या क्या बातों को ध्यान में रखना होगा। इसीलिए इस लेख को आप पूरा पढ़े।
इसके साथ-साथ हम आपको बता दे कि Bihar Lekhapal IT Sahayak New Vacancy 2024 में आवेदन करने की शुरुआती तिथि को बढ़ा दिया गया है, पहले इसमें आवेदन 14 अप्रैल 2024 से शुरू होने वाले थे परंतु किसी कारण से इसमें आवेदन की प्रक्रिया 10 June 2024 से शुरू की जाएगी, इसके लिए इसका नया नोटिफिकेशन में जारी किया गया है। अगर आप इसके नोटिफिकेशन डाउनलोड करना चाहते हैं तो इस आर्टिकल के नीचे आपको इसका डायरेक्ट लिंक मिल जाएगा।
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इस लेख के माध्यम से, हम आपको बिहार में पंचायती राज लेखाकार सहायक भर्ती के लिए जारी नई रिक्तियों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे। हम बताएंगे कि आप इन पदों के लिए कैसे आवेदन कर सकते हैं, आवेदन की अवधि बिहार लेखाकार सहायक भर्ती 2024 के लिए आवश्यक दस्तावेज और पात्रता मानदंड, इसलिए विस्तृत विवरण के लिए इस लेख के अंत तक हमारे साथ बने रहें।
अभी यहां पर आने के बाद आपको बिहार लेखापाल आईटी सहायक वैकेंसी 2024 का ऑप्शन देखने को मिलेगा जिस पर क्लिक करना है क्लिक करने के बाद अब आपके सामने एक एप्लीकेशन फॉर्म खुलकर आ जाएगा
अभी इस एप्लीकेशन फॉर्म को आपको बिल्कुल ध्यान पूर्वक से भरना होगा और मांगे जाने वाली सभी जरूरी दस्तावेज को स्कैन करके अपलोड करके अंत में सबमिट पर क्लिक कर देना होगा
सबमिट करने के बाद अब आपको एक रसीद प्राप्त होगी जिसे आपको बिल्कुल सुरक्षित रखना होगा।
As the eagerly awaited NEET UG 2024 approaches, candidates are gearing up for the crucial next step: downloading their admit cards. The National Testing Agency (NTA) is poised to release the admit cards imminently, signaling the final countdown to one of India’s most significant medical entrance exams.
NEET UG 2024 DETAILS:
Once the admit cards are available, candidates can access them via the official websites exams.nta.ac.in and neet.ntaonline.in. These platforms will serve as the gateway for candidates to download their essential document, which is mandatory for appearing in the NEET UG 2024 examination.
In a precursor to the admit card release, the NTA has already made available the NEET UG 2024 Exam City Slip. Registered candidates can obtain this slip from the aforementioned official websites. The Exam City Slip provides crucial information regarding the examination center allocated to each candidate, aiding in logistical preparations for the examination day.
Scheduled for May 5, 2024, the NEET UG 2024 examination will commence at 2:00 PM and conclude at 5:20 PM, encompassing a single shift. This rigorous examination will be conducted in pen and paper mode, adhering to the traditional format that has been the hallmark of NEET UG.
Notably, the reach of NEET UG 2024 extends across 571 cities within India, reflecting its status as a nationwide assessment of medical aptitude. Additionally, the examination will be administered in 14 cities outside India, further underlining its global significance.
One of the distinguishing features of NEET UG 2024 is its multilingual approach, catering to the diverse linguistic landscape of the country. Candidates can opt to take the examination in languages such as English, Hindi, Assamese, Bengali, Odia, Kannada, Punjabi, Urdu, Malayalam, Marathi, Telugu, and Tamil, ensuring accessibility and inclusivity.
As candidates await the release of their admit cards, meticulous preparation and strategic planning are paramount. The NEET UG 2024 examination represents a pivotal juncture in the academic journey of aspiring medical professionals, demanding diligence and proficiency in equal measure.
In summary, the forthcoming release of NEET UG 2024 admit cards heralds the final phase of preparation for thousands of candidates nationwide. With the support of the NTA and adherence to the prescribed guidelines, aspirants are poised to embark on their quest to fulfill their medical aspirations on May 5, 2024.
Current Affairs 01 April 2024: 1 अप्रैल, 2024 को विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय विकास ने गतिशील वैश्विक और भारतीय परिदृश्य को उजागर किया। भारतीय नौसेना ने 23 पाकिस्तानियों को समुद्री डाकुओं से सफलतापूर्वक बचाया, जबकि अमेरिका को बाल्टीमोर में एक पुल ढहने के बाद आपातकाल की स्थिति का सामना करना पड़ा।
इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज का भारत में विस्तार हुआ और इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को मजबूत करते हुए ‘यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004’ को असंवैधानिक घोषित कर दिया। भारत का सरकारी ई-मार्केट (GeM) दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बन गया है, जो महत्वपूर्ण डिजिटल कॉमर्स विकास का संकेत देता है। बेल्जियम ने टिकाऊ ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करते हुए पहले परमाणु ऊर्जा शिखर सम्मेलन 2024 की मेजबानी की। राजस्थान में दुनिया के पहले ओम आकार के मंदिर का उद्घाटन, वास्तुकला और आध्यात्मिकता का मिश्रण।
खेलों में सुनील छेत्री 150 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने वाले पहले भारतीय फुटबॉलर बने। आईआईटी गुवाहाटी ने भारत का पहला स्वाइन फीवर वैक्सीन विकसित किया, जो एक स्वास्थ्य सेवा नवाचार को दर्शाता है, जबकि बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने निधि सक्सेना को अपना नया एमडी और सीईओ नियुक्त किया, जो एक नई नेतृत्व दिशा का संकेत देता है। ये घटनाएँ 1 अप्रैल, 2024 तक हमारी दुनिया और भारत को आकार देने वाले वर्तमान मामलों की बहुमुखी प्रकृति को रेखांकित करती हैं। आइये इन् घटनाओं पर एक नज़र डालते हैं।
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हॉकी इंडिया अवार्ड्स 2023 रविवार को नई दिल्ली में आयोजित किया गया, जहां भारतीय हॉकी स्टार हार्दिक सिंह और सलीमा टेटे को क्रमशः पुरुष और महिला खिलाड़ी ऑफ द ईयर से सम्मानित किया गया।
भारतीय पुरुष टीम के उप-कप्तान हार्दिक सिंह उस टीम का हिस्सा थे जिसने टोक्यो 2023 ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था और पिछले साल एशियाई खेल 2023 में स्वर्ण पदक भी जीता था। 25 वर्षीय खिलाड़ी ने मिडफील्डर ऑफ द ईयर का पुरस्कार भी जीता।
हार्दिक सिंह ने प्रतिष्ठित पुरस्कार जीतने पर गर्व व्यक्त किया और कहा कि यह पिछले साल टीम द्वारा प्रदर्शित कड़ी मेहनत और समर्पण को दर्शाता है। उन्होंने सभी को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया और इस सम्मान को उचित ठहराने के लिए आने वाले वर्ष में कड़ी मेहनत जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई।
ओलंपियन सलीमा टेटे उस महिला टीम का हिस्सा थीं जिसने पिछले साल हांगझू में एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता था। टेटे को 2023 में एशियन हॉकी फेडरेशन के इमर्जिंग प्लेयर ऑफ द ईयर अवार्ड का विजेता भी चुना गया था।
सलीमा ने अपने साथियों, कोचों और सहयोगी स्टाफ के प्रति उनके विश्वास के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भारतीय जर्सी पहनना और मैदान पर देश का प्रतिनिधित्व करना उनके लिए बहुत गर्व की बात है और यह पुरस्कार उन्हें देश का गौरव बढ़ाने के लिए हर दिन और भी बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करता है।
यह वार्षिक हॉकी इंडिया पुरस्कारों का छठा संस्करण था, जो प्रत्येक कैलेंडर वर्ष के उत्कृष्ट भारतीय हॉकी खिलाड़ियों को सम्मानित करता है।
म्यूनिख 1972 ओलंपिक में कांस्य पदक विजेता अशोक कुमार को उनके पिता ध्यानचंद के नाम पर हॉकी इंडिया लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। कुआलालंपुर में 1975 विश्व कप के फाइनल में कुमार ने भारत के लिए विजयी गोल किया।
पी.आर. श्रीजेश को वर्ष के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर के लिए प्रतिष्ठित हॉकी इंडिया बलजीत सिंह पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें अपनी 300वीं अंतर्राष्ट्रीय कैप अर्जित करने के लिए एक ट्रॉफी भी मिली।
मनप्रीत सिंह को भारतीय पुरुष हॉकी टीम के लिए 350 अंतर्राष्ट्रीय कैप पूरा करने के लिए एक ट्रॉफी से सम्मानित किया गया, जबकि सविता पुनिया और हरमनप्रीत सिंह को भारत के लिए क्रमशः 250 और 200 अंतर्राष्ट्रीय कैप हासिल करने के लिए सम्मानित किया गया।
हरमनप्रीत ने डिफेंडर ऑफ द ईयर के लिए हॉकी इंडिया परगट सिंह पुरस्कार जीता, जबकि फॉरवर्ड ऑफ द ईयर के लिए हॉकी इंडिया धनराज पिल्लई पुरस्कार अभिषेक ने जीता।
हांग्जो एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय पुरुष टीम और कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम को भी सम्मानित किया गया।
हॉकी इंडिया पुरस्कार 2023 विजेता:
हॉकी इंडिया मेजर ध्यानचंद लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार: अशोक कुमार
सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी (पुरुष) के लिए हॉकी इंडिया बलबीर सिंह सीनियर पुरस्कार: हार्दिक सिंह
सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी (महिला) के लिए हॉकी इंडिया बलबीर सिंह सीनियर पुरस्कार: सलीमा टेटे
सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर के लिए हॉकी इंडिया बलजीत सिंह पुरस्कार: पी.आर. श्रीजेश
वर्ष के डिफेंडर के लिए हॉकी इंडिया परगट सिंह पुरस्कार: हरमनप्रीत सिंह
वर्ष के मिडफील्डर के लिए हॉकी इंडिया अजीत पाल सिंह पुरस्कार: हार्दिक सिंह
वर्ष के फॉरवर्ड के लिए हॉकी इंडिया धनराज पिल्लई पुरस्कार: अभिषेक
वर्ष के आगामी खिलाड़ी के लिए हॉकी इंडिया असुंता लाकड़ा पुरस्कार (महिला – 21 वर्ष से कम): दीपिका सोरेंग
वर्ष के आगामी खिलाड़ी के लिए हॉकी इंडिया जुगराज सिंह पुरस्कार (पुरुष – 21 वर्ष से कम): अरिजीत सिंह हुंदल
बैंक ऑफ इंडिया पर जुर्माना:
आयकर विभाग ने बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) पर 564.44 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
यह कार्रवाई आकलन वर्ष 2018-19 से संबंधित है और आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 270ए के अंतर्गत आती है।
यह जुर्माना आयकर विभाग की मूल्यांकन इकाई द्वारा पहचाने गए विभिन्न उल्लंघनों के लिए लगाया गया था।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (पीएसबी) बैंक ऑफ इंडिया ने गुरुवार को इस आदेश के खिलाफ अपील करने की अपनी मंशा की घोषणा की।
अपील नेशनल फेसलेस अपील सेंटर (एनएफएसी) में आयकर आयुक्त के समक्ष दायर की जाएगी।
बैंक ने शेयर बाजार को ऑर्डर मिलने और लगने वाले जुर्माने की जानकारी दे दी है.
बैंक ऑफ इंडिया का मानना है कि उसके पास जुर्माने का विरोध करने और अपनी स्थिति को सही ठहराने के लिए पर्याप्त तथ्यात्मक और कानूनी आधार हैं।
बैंक को उम्मीद है कि अपील के बाद जुर्माने की मांग कम हो जाएगी.
उसे उम्मीद है कि इस मुद्दे के परिणामस्वरूप उसकी वित्तीय, परिचालन या अन्य गतिविधियों पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ेगा।
रोमानिया और बुल्गारिया आंशिक रूप से शेंगेन यात्रा क्षेत्र में शामिल हुए:
रोमानिया और बुल्गारिया आंशिक रूप से शेंगेन क्षेत्र में शामिल हो गए हैं, जो यूरोप का एक क्षेत्र है जो आईडी-चेक-मुक्त यात्रा की अनुमति देता है, जो यूरोपीय संघ के साथ उनके एकीकरण में एक महत्वपूर्ण कदम है।
वर्षों की बातचीत के बाद, इन दोनों देशों से हवाई या समुद्री मार्ग से आने वाले यात्रियों को अब शेंगेन क्षेत्र तक निःशुल्क पहुंच प्राप्त है। हालाँकि, भूमि सीमा जाँच जारी रहेगी, मुख्य रूप से ऑस्ट्रिया के विरोध के कारण, जिसने लंबे समय से अवैध आप्रवासन की चिंताओं पर उनकी बोली को अवरुद्ध कर दिया है।
शेंगेन क्षेत्र की स्थापना 1985 में हुई थी और इसमें स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टीन के साथ 27 यूरोपीय संघ के सदस्य देशों में से 23 शामिल हैं। बुल्गारिया और रोमानिया को शामिल करने से पहले, लगभग 3.5 मिलियन लोग प्रतिदिन आंतरिक सीमाएँ पार करते थे।
ऑस्ट्रिया ने 2022 के अंत में शेंगेन क्षेत्र में रोमानिया और बुल्गारिया के प्रवेश पर वीटो लगा दिया लेकिन क्रोएशिया को पूर्ण प्रवेश की अनुमति दे दी। बुल्गारिया और रोमानिया 2007 में यूरोपीय संघ में शामिल हुए, और क्रोएशिया 2013 में शामिल हुआ।
शेंगेन क्षेत्र 425 मिलियन से अधिक यूरोपीय संघ के नागरिकों के साथ-साथ कानूनी रूप से यूरोपीय संघ में रहने वाले या पर्यटन, छात्र आदान-प्रदान या व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए आने वाले गैर-यूरोपीय संघ के नागरिकों के लिए मुफ्त आवाजाही की गारंटी देता है।
निःशुल्क आवाजाही प्रत्येक यूरोपीय संघ के नागरिक को विशेष औपचारिकताओं के बिना किसी भी यूरोपीय संघ के देश में यात्रा करने, काम करने और रहने की अनुमति देती है। शेंगेन नागरिकों को सीमा जांच के अधीन हुए बिना शेंगेन क्षेत्र के भीतर जाने की अनुमति देकर इस स्वतंत्रता पर जोर देता है।
वर्तमान में, साइप्रस और आयरलैंड को छोड़कर अधिकांश यूरोपीय संघ के देश शेंगेन क्षेत्र का हिस्सा हैं। बुल्गारिया और रोमानिया 31 मार्च 2024 तक शेंगेन क्षेत्र में शामिल होने वाले सबसे नए सदस्य देश बन गए, जिसमें आंतरिक वायु और समुद्री सीमाओं को पार करने वाले व्यक्तियों के लिए कोई जाँच नहीं होगी।
आंतरिक भूमि सीमाओं पर चेक हटाने के लिए परिषद द्वारा एक सर्वसम्मत निर्णय अभी भी बाद की तारीख में अपेक्षित है।
यूरोपीय संघ के देशों के अलावा, गैर-यूरोपीय संघ के राज्य आइसलैंड, नॉर्वे, स्विट्जरलैंड और लिकटेंस्टीन भी शेंगेन क्षेत्र में शामिल हो गए हैं।
आरबीआई के 90वें स्थापना दिवस पर पीएम मोदी का संबोधन:
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 90वें स्थापना दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम को संबोधित किया, जिसमें आरबीआई की व्यावसायिकता और प्रतिबद्धता के कारण वैश्विक मान्यता पर प्रकाश डाला गया।
पीएम मोदी वर्तमान में आरबीआई से जुड़े लोगों को बहुत भाग्यशाली मानते हैं, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आज की नीतियां और काम अगले दशक के लिए आरबीआई की दिशा तय करेंगे। यह दशक महत्वपूर्ण है क्योंकि यह संस्थान के शताब्दी वर्ष की ओर ले जाता है और विकसित भारत की यात्रा के लिए महत्वपूर्ण है।
पीएम मोदी ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र लाभदायक हो गया है और पिछले दशक में उनकी सरकार और आरबीआई के प्रयासों के कारण ऋण वृद्धि बढ़ रही है।
उन्होंने उल्लेख किया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सकल गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए), जो 2018 में लगभग 11.25% थी, सितंबर 2023 तक घटकर तीन प्रतिशत से भी कम हो गई है। यह इंगित करता है कि ‘ट्विन बैलेंस शीट’ समस्या (मुद्दों पर) बैंकों और कंपनियों की बैलेंस शीट का स्तर) अब अतीत की बात है, बैंक अब 15% की ऋण वृद्धि दर्ज कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने इन मील के पत्थर हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए आरबीआई को श्रेय दिया।
वित्त मंत्री ने अप्रैल 1935 में इसकी स्थापना के बाद से आरबीआई के योगदान पर विचार किया, और दिवाला और बैंकिंग संहिता, निजी बैंकों के दिवालियापन से निपटने, एक लचीली रणनीति अपनाने जैसी पहलों के माध्यम से, स्वतंत्रता से पहले और बाद में, भारत की अर्थव्यवस्था को आकार देने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख किया। मुद्रास्फीति का प्रबंधन करें, और डिजिटल अर्थव्यवस्था का विस्तार करें।
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने भारत सहित हर अर्थव्यवस्था के लिए COVID-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों पर टिप्पणी की। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि आरबीआई द्वारा अपनाई गई समायोजित मौद्रिक और राजकोषीय नीतियों ने अर्थव्यवस्था को इन झटकों से बचाने और इसकी वसूली में सहायता करने में महत्वपूर्ण मदद की है।
गवर्नर दास ने उल्लेख किया कि टीम आरबीआई के सामूहिक प्रयासों की बदौलत आरबीआई अपने नागरिकों के कल्याण के लिए स्थिरता, लचीलेपन और प्रतिबद्धता के प्रतीक के रूप में उभरा है।
राष्ट्रीय समुद्री सप्ताह 2024 समारोह:
29 मार्च 2024 को नई दिल्ली में बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय के सचिव श्री टी.के. रामचंद्रन ने प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी को ‘मर्चेंट नेवी ध्वज’ भेंट करके 5 अप्रैल को होने वाले राष्ट्रीय समुद्री दिवस के लिए एक सप्ताह तक चलने वाले उत्सव की शुरुआत की।
इस अवसर पर जहाजरानी महानिदेशक श्री श्याम जगन्नाथन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे और प्रधानमंत्री को एक स्मृति चिन्ह भी भेंट किया गया।
इस उत्सव का महत्व नाविकों की सेवाओं का सम्मान करने और भारत के समुद्री इतिहास में गौरवपूर्ण क्षण को मनाने में निहित है। 29 मार्च से 5 अप्रैल तक चलने वाला राष्ट्रीय समुद्री सप्ताह नाविकों के अमूल्य योगदान को श्रद्धांजलि देने के रूप में कार्य करता है।
यह उत्सव 1919 के उस दिन को चिह्नित करता है जब पहला भारतीय स्टीमशिप, ‘एस.एस.’ मेसर्स सिंधिया स्टीम नेविगेशन कंपनी लिमिटेड, मुंबई के स्वामित्व वाली लॉयल्टी ने मुंबई से लंदन (यूके) की अपनी पहली यात्रा पर अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में प्रवेश किया। यह दिन अब “राष्ट्रीय समुद्री दिवस” के रूप में मनाया जाता है।
राष्ट्रीय समुद्री दिवस समारोह पूरे देश में मनाया जाएगा, जिसमें मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, कांडला, विशाखापत्तनम जैसे प्रमुख बंदरगाहों के साथ-साथ विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मध्यवर्ती, छोटे और अंतर्देशीय जल बंदरगाह शामिल होंगे। ये आयोजन आजादी के बाद से भारतीय समुद्री उद्योग द्वारा हासिल की गई उल्लेखनीय प्रगति और राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में इसके महत्वपूर्ण योगदान को उजागर करते हैं।
पूरे सप्ताह कार्यक्रमों की एक श्रृंखला जहाज परिवहन को आगे बढ़ाने और देश की समृद्धि को बढ़ाने में हमारे नाविकों की महत्वपूर्ण भूमिका और मूल्यवान सेवाओं को स्वीकार करेगी। गतिविधियों में प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाविकों की बहादुरी और बलिदान का सम्मान करने के लिए मर्चेंट नेवी फ्लैग डे, सेमिनार, चिकित्सा शिविर, रक्तदान अभियान और स्मारक सेवाएं शामिल हैं।
प्रत्येक वर्ष 5 अप्रैल को आयोजित होने वाला मुख्य समारोह इन समारोहों का केंद्र बिंदु होता है, जो हमारे समुद्री उद्योग की उपलब्धियों की सराहना करने और उन साहसी नाविकों को श्रद्धांजलि देने के लिए समर्पित है जिन्होंने अटूट समर्पण के साथ हमारे देश की सेवा की है।
पिछले नौ वर्षों में नाविकों की संख्या में 140% की वृद्धि हुई है। 2014 में सक्रिय भारतीय नाविकों की कुल संख्या 117,090 थी, जो 2023 तक बढ़कर 280,000 हो गई।
मैरीटाइम इंडिया विज़न 2030 के तहत, भारत समुद्री शिक्षा, अनुसंधान और प्रशिक्षण में वैश्विक मानक स्थापित करके एक अग्रणी समुद्री राष्ट्र बनने की आकांक्षा रखता है। भारत ने STCW कन्वेंशन और समुद्री श्रम कन्वेंशन (MLC) दोनों पर हस्ताक्षर किए हैं।
भारतीय नाविक वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय समुद्री नौकरियों में 12% हिस्सेदारी रखते हैं, और मैरीटाइम विज़न 2030 का लक्ष्य 2030 तक इस आंकड़े को 20% तक बढ़ाना है।
एसबीआई म्यूचुअल फंड ने सविता ऑयल टेक्नोलॉजीज में हिस्सेदारी हासिल की:
26 मार्च, 2024 को, सविता ऑयल टेक्नोलॉजीज ने एक ब्लॉक डील के माध्यम से एक महत्वपूर्ण इक्विटी लेनदेन की घोषणा की, जिसमें उसके 3% इक्विटी शेयर बेचे गए, जिसके परिणामस्वरूप प्रमोटर का स्वामित्व घटकर 59.78% हो गया।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) म्यूचुअल फंड ने हिस्सेदारी हासिल कर ली, जिससे कंपनी के शेयर मूल्य में 5.85% की वृद्धि हुई।
ब्लॉक डील में प्रमोटर श्री गौतम एन मेहरा द्वारा एसबीआई म्यूचुअल फंड को शेयरों की बिक्री शामिल थी, जिससे प्रमोटर समूह की हिस्सेदारी 62.78% से घटकर 59.78% हो गई।
बिक्री से पहले, प्रमोटर समूह के पास 43,383,855 शेयर (62.78% हिस्सेदारी) थे, जो बिक्री के बाद घटकर 41,310,855 शेयर (59.78% हिस्सेदारी) रह गए।
मेहरा सिंडिकेट के सदस्य श्री गौतम एन. मेहरा ने 2,073,000 शेयर बेचे, जो 3% हिस्सेदारी के बराबर है।
ब्लॉक डील 22 मार्च, 2024 को ₹408 प्रति शेयर की औसत कीमत पर निष्पादित की गई थी।
26 मार्च, 2024 तक, एनएसई पर सविता ऑयल टेक्नोलॉजीज का शेयर मूल्य 5.85% बढ़कर ₹436.80 प्रति शेयर हो गया था, दिन का उच्च स्तर ₹454.70 दर्ज किया गया था, जो ₹425.90 से शुरू हुआ था।
सविता ऑयल टेक्नोलॉजीज का बाजार पूंजीकरण ₹3,000 करोड़ से अधिक हो गया।
सविता ऑयल टेक्नोलॉजीज लिमिटेड ग्रीस, औद्योगिक तेल, पेट्रोलियम उत्पाद और ट्रांसफार्मर तेल के निर्माण और वितरण के लिए प्रसिद्ध है।
कंपनी को पहले सविता केमिकल्स लिमिटेड के नाम से जाना जाता था।
मार्च 2021 में, कंपनी ने स्टॉक विभाजन किया और इक्विटी शेयरों का बायबैक किया।
इस्पात उत्पादन में बायोचार के लिए 14वीं टास्क फोर्स:
भारत के इस्पात क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन को कम करने के उद्देश्य से बायोचार के एकीकरण का पता लगाने के लिए 5 दिसंबर, 2023 को एक नई टास्क फोर्स की स्थापना की गई है, जो बायोचार की क्षमता का लाभ उठाने पर ध्यान केंद्रित करेगी।
भारत सरकार ने बायोचार के संभावित उपयोग की जांच के लिए एक टास्क फोर्स की स्थापना करके इस्पात उद्योग में कार्बन उत्सर्जन को संबोधित करने के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं। ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में इस्पात क्षेत्र के महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए, इस पहल का उद्देश्य कार्बन की तीव्रता को कम करना और इस्पात निर्माण प्रक्रियाओं में स्थिरता को बढ़ावा देना है।
टास्क फोर्स का गठन:
टास्क फोर्स कार्बन उत्सर्जन को कम करने के साधन के रूप में इस्पात उत्पादन में बायोचार और अन्य प्रासंगिक उत्पादों के उपयोग की खोज के लिए समर्पित है।
पहल की पृष्ठभूमि:
मार्च 2023 में, केंद्रीय इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हरित इस्पात उत्पादन के विभिन्न पहलुओं के लिए कार्य योजनाओं की रूपरेखा तैयार करने और टिकाऊ विनिर्माण प्रथाओं को अपनाने के लिए 13 टास्क फोर्स के गठन को मंजूरी दी।
पिछले कार्यबलों के फोकस क्षेत्र:
इन 13 टास्क फोर्स ने कच्चे माल, तकनीकी प्रगति और नीति ढांचे सहित इस्पात मंत्रालय द्वारा उल्लिखित हरित इस्पात उत्पादन के विभिन्न आयामों पर ध्यान केंद्रित किया है।
बायोचार कार्यान्वयन की खोज:
इस्पात उद्योग के भीतर कार्बन उत्सर्जन को कम करने में इसके संभावित महत्व को ध्यान में रखते हुए, मंत्रालय ने इस्पात निर्माण में बायोचार और अन्य प्रासंगिक उत्पादों के उपयोग पर 14वें टास्क फोर्स के गठन का समर्थन किया।
टास्क फोर्स की स्थापना की तिथि:
इस्पात क्षेत्र के भीतर कार्बन कटौती प्रथाओं में एक महत्वपूर्ण लीवर के रूप में बायोचार की भूमिका को पहचानते हुए, बायोचार के कार्यान्वयन पर 14वीं टास्क फोर्स की स्थापना 5 दिसंबर, 2023 को की गई थी।
बायोचार की विशेषताएं और उत्पादन:
कृषि अपशिष्ट उत्पादों जैसे बायोमास स्रोतों से प्राप्त बायोचार, इस्पात निर्माण के लिए आशाजनक गुण प्रदान करता है। स्टेनलेस स्टील चैंबर्स के माध्यम से इसका उत्पादन एक दूरंदेशी समाधान प्रस्तुत करता है, जो टिकाऊ स्टील उत्पादन के लिए गैर-संक्षारक और गैर विषैले पदार्थ प्रदान करता है।
सऊदी अरब संयुक्त राष्ट्र महिला अधिकार मंच का नेतृत्व करेगा:
महिलाओं के अधिकारों पर अपने खराब रिकॉर्ड के लिए आलोचना के बावजूद, सऊदी अरब को महिलाओं की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र आयोग (सीएसडब्ल्यू) की अध्यक्षता के लिए चुना गया, जिससे विवाद पैदा हो गया।
अध्यक्ष के रूप में सऊदी राजदूत अब्दुलअज़ीज़ अलवासिल की नियुक्ति से मानवाधिकार समूहों में नाराजगी फैल गई।
सीएसडब्ल्यू के लिए सऊदी अरब द्वारा नेतृत्व की बोली निर्विरोध थी, जिसमें 45 सदस्य देशों में से किसी ने भी कोई विरोध नहीं किया।
किसी भी प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार की अनुपस्थिति के कारण राजदूत अलवासिल को “तालियाँ” के साथ अध्यक्ष के रूप में चुना गया।
सऊदी अरब की उम्मीदवारी इस प्रक्रिया में देर से आई, बांग्लादेश को शुरू में अध्यक्ष पद लेने की उम्मीद थी, जो अपनी अंतरराष्ट्रीय छवि को बढ़ाने के लिए सऊदी अरब द्वारा अंतिम समय में पैरवी के प्रयासों का संकेत देता है।
मानवाधिकार समूह कानून के तहत पुरुषों और महिलाओं के बीच अधिकारों में महत्वपूर्ण असमानताओं और महिलाओं के अधिकारों पर इसके खराब ट्रैक रिकॉर्ड के लिए सऊदी अरब की आलोचना करते हैं।
सऊदी अरब के राष्ट्रपति पद का वर्ष विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बीजिंग घोषणा की 30वीं वर्षगांठ के साथ मेल खाता है, जो वैश्विक महिला अधिकारों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल और ह्यूमन राइट्स वॉच ने नियुक्ति की निंदा की, जिसमें सऊदी अरब द्वारा महिला अधिकार कार्यकर्ताओं की लगातार हिरासत और प्रणालीगत लैंगिक असमानताओं को संबोधित करने में विफलता पर प्रकाश डाला गया।
ह्यूमन राइट्स वॉच ने सऊदी अरब के राष्ट्रपति पद को चुनौती देने के लिए महिलाओं के अधिकारों पर बेहतर रिकॉर्ड वाले सीएसडब्ल्यू सदस्यों को बुलाया, हालांकि सदस्य देश इस मुद्दे पर चुप रहे हैं।
ब्रिटेन के विदेश कार्यालय ने यह कहते हुए इस फैसले से खुद को अलग कर लिया कि चयन प्रक्रिया में उसकी कोई भूमिका नहीं है लेकिन महिला अधिकारों के मुद्दों पर सऊदी अधिकारियों के साथ बातचीत जारी है।
SIA-इंडिया ने ABRASAT के साथ साझेदारी की:
सैटेलाइट इंडस्ट्री एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SIA-इंडिया) और ब्राजीलियाई सैटेलाइट कम्युनिकेशंस एसोसिएशन (ABRASAT) ने अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रगति बढ़ाने के लिए साझेदारी की है।
रणनीतिक साझेदारी के उद्देश्य:
उपग्रह संचार, रॉकेट और उपग्रह प्रक्षेपण, पेलोड विकास, उपग्रह प्लेटफ़ॉर्म और ग्राउंड इंस्ट्रूमेंटेशन जैसे क्षेत्रों में सहयोग की सुविधा प्रदान करके कनेक्टिविटी और सहयोग में सुधार करना।
इसका उद्देश्य भारत और ब्राजील के बीच व्यापार विस्तार और सहयोगात्मक प्रयासों को मजबूत करना है, जिससे निर्बाध क्षेत्रीय और वैश्विक कनेक्टिविटी सक्षम हो सके।
साझेदारी का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों और भौगोलिक क्षेत्रों में विश्वसनीय संचार, डेटा ट्रांसमिशन और सूचना साझाकरण को सशक्त बनाना है। यह स्थलीय बुनियादी ढांचे की कमी वाले दूरदराज के क्षेत्रों से कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने पर जोर देता है, जो रक्षा और आपातकालीन संदर्भों में संचालन के लिए महत्वपूर्ण है।
ऐतिहासिक सहयोग और भविष्य की संभावनाएँ:
ब्राज़ील और भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग का एक सकारात्मक इतिहास साझा करते हैं, जो अमेज़ोनिया 1 उपग्रह के सफल प्रक्षेपण से उजागर हुआ है।
समझौता ज्ञापन (एमओयू) द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और बी2बी सहयोग के लिए नए रास्ते बनाने में महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है। इसका उद्देश्य विविध क्षेत्रों और अनुप्रयोगों पर ध्यान केंद्रित करके दोनों देशों के उपग्रह उद्योगों का लाभ उठाना है।
बाज़ार की गतिशीलता और अवसरों की खोज:
साझेदारी का उद्देश्य नए बाजार की गतिशीलता, बुनियादी ढांचे के विकास, तकनीकी प्रगति, उद्यमिता, वित्तपोषण स्रोतों और निजी निवेश में विस्तार करना है।
यह उद्योग के हितधारकों को नेटवर्क बनाने और उभरते अवसरों का लाभ उठाने, अंतरिक्ष क्षेत्र के भीतर विकास और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
इज़राइल एयरोस्पेस ने भारतीय सहायक कंपनी की स्थापना की:
वैश्विक एयरोस्पेस और रक्षा कंपनी, इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) ने भारत की राष्ट्रीय राजधानी में अपनी भारतीय सहायक कंपनी, एयरोस्पेस सर्विसेज इंडिया (ASI) की स्थापना की है।
एएसआई का उद्घाटन भारत सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ (आत्मनिर्भर भारत) पहल और मेक इन इंडिया विज़न के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जो भारतीय सशस्त्र बलों के लिए उन्नत प्रणालियों के विकास और समर्थन और रक्षा अनुसंधान के साथ साझेदारी पर ध्यान केंद्रित करता है। विकास संगठन (डीआरडीओ)।
ज़मीन पर अपनी नई सुविधाओं के साथ, एएसआई का लक्ष्य अपने ग्राहकों के लिए त्वरित और कुशल सहायता सुनिश्चित करते हुए, मरम्मत और सेवा संचालन के लिए टर्नअराउंड समय को काफी कम करना है।
स्थानीय स्तर पर परिचालन करते हुए, एएसआई अपने मूल्यवान ग्राहकों को ठोस लाभ प्रदान करते हुए सेवाओं और मरम्मत की लागत को कम करने के लिए समर्पित है।
एएसआई भारतीय रुपये में कारोबार करता है और मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एमआरएसएएम) प्रणाली के लिए एकमात्र अधिकृत मूल उपकरण निर्माता (ओईएम) तकनीकी प्रतिनिधि के रूप में कार्य करता है।
एमआरएसएएम एक उन्नत और अभिनव वायु और मिसाइल रक्षा प्रणाली है जो भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना द्वारा उपयोग किए जाने वाले विभिन्न हवाई प्लेटफार्मों के खिलाफ अंतिम सुरक्षा प्रदान करती है।
इस प्रणाली में उन्नत चरणबद्ध सरणी रडार, कमांड और नियंत्रण, मोबाइल लॉन्चर और उन्नत आरएफ साधक के साथ इंटरसेप्टर शामिल हैं।
एमआरएसएएम प्रणाली को भारतीय सेनाओं के लिए आईएआई और डीआरडीओ द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है।
आईएआई के अध्यक्ष और सीईओ बोअज़ लेवी, एएसआई को भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक प्रमुख मील का पत्थर के रूप में प्रस्तुत करते हैं, और अत्याधुनिक उपलब्धि के प्रमाण के रूप में भारत और इज़राइल के बीच साझेदारी पर प्रकाश डालते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह सहयोग आईएआई की प्रौद्योगिकी और रक्षा क्षेत्र में भारत की प्रतिभा और विशेषज्ञता को बढ़ावा देकर इतिहास रचेगा।
पिछले 30 वर्षों में, IAI ने कुछ नवीनतम तकनीकों पर भारतीय भागीदारों के साथ मिलकर काम किया है। एएसआई के सीईओ डैनी लाउबर का कहना है कि नया एएसआई कार्यालय उन्हें इस प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाने में सक्षम बनाएगा।
एएसआई में लगभग 50 कर्मचारियों का कार्यबल कार्यरत है, जिसमें 97% भारतीय नागरिक हैं।
दिल्ली में स्थित, एएसआई की रणनीतिक रूप से स्थित शाखाएं पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में सेवाएं प्रदान करती हैं, जो राष्ट्रव्यापी कवरेज और ग्राहक संतुष्टि के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करती हैं।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के नियम ‘मदरसा शिक्षा अधिनियम’ असंवैधानिक:
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी, जिसने उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम 2004 को ‘असंवैधानिक’ और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन घोषित किया था।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा शामिल थे, ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ केंद्र, उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य को नोटिस जारी किए।
पीठ ने कहा कि मदरसा बोर्ड एक नियामक उद्देश्य को पूरा करता है और प्रथम दृष्टया, इलाहाबाद उच्च न्यायालय का यह विचार कि बोर्ड का गठन धर्मनिरपेक्षता का उल्लंघन है, सही प्रतीत नहीं होता है।
सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि हाई कोर्ट ने 2004 के कानून के प्रावधानों की गलत व्याख्या की.
22 मार्च को, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम 2004 को ‘असंवैधानिक’ और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन करार दिया था, साथ ही राज्य सरकार को वर्तमान छात्रों को औपचारिक स्कूल शिक्षा प्रणाली में शामिल करने का निर्देश दिया था।
यह आदेश उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड की संवैधानिकता को चुनौती देने वाले अंशुमान सिंह राठौड़ नामक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका के जवाब में जारी किया गया था।
भारत का सरकारी ई-मार्केट: दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म:
दक्षिण कोरिया के ऑनलाइन ई-प्रोक्योरमेंट सिस्टम (KONEPS) और सिंगापुर के GeBIZ के बाद भारत का सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) पोर्टल सार्वजनिक खरीद के लिए दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है।
GeM के सीईओ, पी.के. के अनुसार GeM पर कुल बिक्री मूल्य 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। सिंह ने इस वित्तीय वर्ष में सकल व्यापारिक मूल्य (जीएमवी) में 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन दर्ज किया, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में लगभग 100% अधिक है। यह रिकॉर्ड डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देने के लिए पोर्टल की अद्वितीय क्षमता को प्रदर्शित करता है।
जीएमवी एक विशिष्ट अवधि के भीतर बेची गई वस्तुओं या सेवाओं के कुल मूल्य का प्रतिनिधित्व करता है।
GeM पोर्टल अगस्त 2016 में लॉन्च किया गया था। वित्तीय वर्ष 2018-19 में, GeM के माध्यम से दिए गए ऑर्डर का कुल मूल्य 17,445 करोड़ रुपये था, जो धीरे-धीरे 2021-22 में बढ़कर लगभग 1.07 लाख करोड़ रुपये हो गया। पिछले वित्तीय वर्ष (FY23) में, ऑर्डर वैल्यू (GMV) INR 2.01 लाख करोड़ से थोड़ा अधिक था।
सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्र की कंपनियां GeM के माध्यम से अपने उत्पाद और सेवाएं बेच सकती हैं, जिसमें ग्राम पंचायत जैसी सरकारी संस्थाएं खरीदार के रूप में शामिल हैं।
रक्षा खरीद मंच पर प्रमुख व्यावसायिक गतिविधियों में से एक है, जिसमें GeM के माध्यम से सेवा अनुबंध के रूप में ब्रह्मोस मिसाइलों की असेंबली और इस पोर्टल के माध्यम से अंडे से लेकर मिसाइल भागों तक हर चीज की आपूर्ति शामिल है।
GeM घरेलू व्यवसायों को बढ़ावा देता है, विशेष रूप से लोकप्रिय बाजारों से भौतिक रूप से दूर स्थित छोटे व्यवसायों को, उन्हें आगे बढ़ने के समान अवसर प्रदान करता है।
पोर्टल ने निर्बाध खरीदारी के लिए देश भर के दूरदराज के स्थानों को जोड़ने के लिए 520,000 से अधिक सामान्य सेवा केंद्रों (सीएससी) और 150,000 से अधिक भारतीय डाकघरों के साथ सहयोग स्थापित किया है।
GeM वस्तुओं और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है, जिसमें कार्यालय स्टेशनरी, यात्री वाहन, पट्टे पर हेलीकॉप्टर सेवाएं, अपशिष्ट प्रबंधन और वेबकास्टिंग शामिल हैं।
सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) की शुरुआत 2016 में विभिन्न सरकारी विभागों और संगठनों द्वारा वस्तुओं और सेवाओं की खरीद की सुविधा के लिए की गई थी। यह भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया एक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म है।
GeM सभी सरकारी विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, स्वायत्त निकायों और अन्य संगठनों के लिए खुला है।
वर्तमान में, दक्षिण कोरिया का KONEPS विश्व स्तर पर सबसे बड़ा ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म है, सिंगापुर का GeBIZ इसके बाद GeM तीसरे स्थान पर है।
GeM के वर्तमान सीईओ पी.के. हैं। सिंह.
बेल्जियम में पहला परमाणु ऊर्जा शिखर सम्मेलन 2024:
21 मार्च को, 34 देशों के नेता ब्रुसेल्स, बेल्जियम में उद्घाटन परमाणु ऊर्जा शिखर सम्मेलन के लिए एकत्र हुए, जो हाल ही में संपन्न हुआ।
शिखर सम्मेलन का उद्देश्य: इसका उद्देश्य भाग लेने वाली सरकारों को शुद्ध-शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए परमाणु ऊर्जा का उपयोग करने के लिए अपनी रणनीतियों और योजनाओं को प्रस्तुत करने की अनुमति देना था।
शिखर सम्मेलन की पृष्ठभूमि: ग्लोबल स्टॉकटेक के बाद, जलवायु कार्रवाई की दिशा में वैश्विक प्रगति का व्यापक मूल्यांकन, जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन के लिए दिसंबर 2023 में पार्टियों के सम्मेलन (COP28) के बाद शिखर सम्मेलन हुआ।
COP28 पर घोषणा: COP28 सम्मेलन के दौरान, 20 से अधिक देशों ने 2020 से 2050 तक परमाणु ऊर्जा के उपयोग को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाने के लिए एक घोषणा पर हस्ताक्षर किए। हस्ताक्षरकर्ताओं में संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, यूक्रेन और यूनाइटेड जैसे चार महाद्वीपों के राष्ट्र शामिल थे। किंगडम, जिसका लक्ष्य परमाणु ऊर्जा के कार्यान्वयन में तेजी लाना है।
शिखर सम्मेलन के बारे में: शिखर सम्मेलन का आयोजन अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) और बेल्जियम द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था, जिसमें चीन, फ्रांस, जापान और अमेरिका सहित प्रमुख देशों के नेताओं के भाषणों की एक श्रृंखला शामिल थी।
वैश्विक रुचि: जिन देशों की परमाणु ऊर्जा तक सीमित या बिल्कुल पहुंच नहीं है, उन्होंने इस तकनीक को तैनात करने और वित्तपोषण करने के लिए मार्गदर्शन और समर्थन मांगा, जबकि परमाणु ऊर्जा में मजबूत उपस्थिति वाले देशों ने वैश्विक जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने में इसके महत्व पर जोर दिया।
पैनल चर्चाएँ: भाषणों के बाद, उपस्थित लोगों ने परमाणु ऊर्जा की क्षमता को अधिकतम करने के लिए व्यावहारिक कदमों का पता लगाने के लिए चार तकनीकी पैनल चर्चाओं में भाग लिया।
शिखर सम्मेलन पैनल: नई और मौजूदा परमाणु क्षमताओं को लागू करने या विस्तार करने पर वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करते हुए चार पैनलों में चर्चाएं आयोजित की गईं; उद्योग के भीतर तकनीकी प्रगति और नवाचार; परमाणु ईंधन चक्र और परमाणु सुविधाओं के जीवन चक्र में नवाचार की खोज करना; और निवेश, स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण, बिजली बाजार डिजाइन, उद्योग प्रोत्साहन, सब्सिडी और बहुपक्षीय विकास और निवेश बैंकों की भूमिका के माध्यम से परमाणु ऊर्जा को वित्तपोषित करने के तरीके की जांच करना।
शिखर सम्मेलन प्रतिज्ञा: IAEA महानिदेशक और 32 देशों के प्रतिनिधियों द्वारा एक घोषणा पर हस्ताक्षर किए गए, जिसमें बिजली और औद्योगिक दोनों क्षेत्रों से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने, ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने, दीर्घकालिक टिकाऊ को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण तत्व के रूप में परमाणु ऊर्जा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई। विकास, और स्वच्छ ऊर्जा में परिवर्तन की सुविधा प्रदान करना।
घोषणा के लिए समर्थन: घोषणा को कई संगठनों से समर्थन मिला, जिसमें थर्ड वे, नॉर्थ अमेरिकन यंग जेनरेशन इन न्यूक्लियर, न्यूक्लियर इनोवेशन अलायंस, इंटरनेशनल बैंक फॉर न्यूक्लियर इंफ्रास्ट्रक्चर और न्यूक्लियर थ्रेट इनिशिएटिव जैसे 20 गैर सरकारी संगठन शामिल थे, जिन्होंने समर्थन के अपने पत्रों पर हस्ताक्षर किए।
भविष्य के शिखर सम्मेलन: हालांकि भविष्य के शिखर सम्मेलनों में रुचि है, आयोजकों ने संकेत दिया कि इसके वार्षिक आयोजन बनने की संभावना नहीं है।
अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के बारे में: IAEA की स्थापना 1957 में परमाणु प्रौद्योगिकी की अभूतपूर्व प्रगति और विविध अनुप्रयोगों के साथ उभरी व्यापक चिंताओं और आशाओं के जवाब में की गई थी। इसकी शुरुआत 8 दिसंबर, 1953 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अमेरिकी राष्ट्रपति आइजनहावर के “शांति के लिए परमाणु” भाषण से हुई। IAEA का मुख्यालय वियना, ऑस्ट्रिया में है।
राजस्थान में विश्व के पहले ओम आकार के मंदिर का उद्घाटन:
दुनिया के पहले ओम आकार के मंदिर का उद्घाटन राजस्थान के पाली जिले के जादान गांव में किया गया है, जो विश्व स्तर पर इस प्रतिष्ठित आकार में डिजाइन किया गया अपनी तरह का पहला मंदिर बन गया है।
वास्तुकला की यह उत्कृष्ट कृति न केवल पर्यटकों को आकर्षित करती है, बल्कि एक महत्वपूर्ण दृश्य उपस्थिति का भी दावा करती है जिसे अंतरिक्ष से देखा जा सकता है, जो वैश्विक स्तर पर डिजिटल समावेशन के लिए इसकी अद्वितीय क्षमता को प्रदर्शित करता है।
‘ओम आकार’ मंदिर के रूप में जाना जाने वाला यह स्मारकीय ढांचा जादान में 250 एकड़ के व्यापक क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसके निर्माण को साकार करने के लिए 400 से अधिक लोग अथक प्रयास कर रहे हैं।
यह मंदिर नागर शैली का अनुसरण करता है, जो आमतौर पर उत्तर भारत में देखी जाती है, और लगभग आधे किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करती है, जो क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक और स्थापत्य विरासत को श्रद्धांजलि देती है।
मंदिर की एक उल्लेखनीय विशेषता इसकी पवित्र सीमा के भीतर भगवान महादेव की 1,008 मूर्तियों और 12 ज्योतिर्लिंगों को रखने की क्षमता है।
135 फीट की ऊंचाई पर स्थित, मंदिर 2,000 स्तंभों पर खड़ा है और इसमें 108 कमरे हैं, जिसमें केंद्रीय विशेषता मंदिर परिसर के भीतर गुरु माधवानंद जी की समाधि है।
मंदिर के गर्भगृह में, जो इसके उच्चतम बिंदु पर स्थित है, धौलपुर में बंशी पहाड़पुर पहाड़ियों से प्राप्त क्रिस्टल से बना एक शिवलिंग है।
इसके अतिरिक्त, मंदिर परिसर के नीचे 200,000 टन की क्षमता वाला एक विशाल टैंक है, जो मंदिर की भव्यता को बढ़ाता है।
मंदिर वास्तुकला की नागर शैली की उत्पत्ति और विकास 5वीं शताब्दी ईस्वी के आसपास हुआ, जिसका प्रभाव उत्तरी भारत, कर्नाटक और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में था।
नागर शैली किसी विशिष्ट काल तक ही सीमित नहीं है, बल्कि सदियों से विकसित और अनुकूलित हुई है, जो भारतीय मंदिर वास्तुकला की गतिशील प्रकृति को दर्शाती है, जो गुप्त राजवंश के दौरान विकसित हुई और उत्तरी भारत पर शासन करने वाले विभिन्न क्षेत्रीय राज्यों और साम्राज्यों के माध्यम से विकसित हुई।
“नगर” शब्द का अर्थ “शहर” है, जो शहरी वास्तुशिल्प सिद्धांतों और इस मंदिर शैली के बीच घनिष्ठ संबंध को उजागर करता है, जो इसके शिखर जैसे शिखरों की विशेषता है, जो पवित्र पर्वत मेरु का प्रतिनिधित्व करता है, जो हिंदू धर्म के शैव और वैष्णव संप्रदायों से निकटता से जुड़ा हुआ है, जो उनकी आध्यात्मिक आकांक्षाओं का प्रतीक है। .
नागर शैली के मंदिरों में आमतौर पर ब्रह्मांडीय व्यवस्था और मुक्ति की ओर आत्मा की यात्रा का प्रतिनिधित्व करने वाला एक अलग लेआउट होता है, जिसे पवित्र स्थान के समग्र सद्भाव और प्रतीकवाद में योगदान देने वाले वास्तुशिल्प तत्वों के साथ सावधानीपूर्वक डिजाइन किया जाता है।
भारत में नागर शैली के मंदिरों के उदाहरणों में मध्य प्रदेश के खजुराहो में कंदरिया महादेव मंदिर और राजस्थान के उदयपुर में जगदीश मंदिर शामिल हैं।
सुनील छेत्री: 150 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने वाले पहले भारतीय फुटबॉलर:
भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने अपना 150वां अंतरराष्ट्रीय मैच असम के गुवाहाटी के इंदिरा गांधी एथलेटिक स्टेडियम में खेला, जिसका अंत निराशाजनक रहा क्योंकि भारत को फीफा विश्व कप 2026 क्वालीफायर में अफगानिस्तान के खिलाफ 2-1 से हार का सामना करना पड़ा। 26 मार्च 2024.
अफगानिस्तान के खिलाफ हार से फीफा विश्व कप 2026 और एएफसी एशियाई कप 2027 के संयुक्त क्वालीफायर के तीसरे दौर में जगह पक्की करने की भारत की संभावना कम हो गई है, राउंड 2 ग्रुप चरण में चार मैचों में भारत के केवल चार अंक हैं। वर्तमान में कतर तीन मैचों में नौ अंकों के साथ ग्रुप में शीर्ष पर है, जबकि अफगानिस्तान के तीन मैचों में चार अंक हैं। भारत को एशियाई चैंपियन कतर और कुवैत के खिलाफ दो और मैच खेलने हैं।
सुनील छेत्री 150 या अधिक अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने वाले दुनिया भर के 8वें खिलाड़ी और पहले भारतीय फुटबॉलर बन गए हैं। अफगानिस्तान के खिलाफ मैच में उन्होंने भारत के लिए एकमात्र गोल किया, जो उनका 94वां अंतरराष्ट्रीय गोल था।
छेत्री को भारत के सर्वश्रेष्ठ पुरुष फुटबॉल खिलाड़ियों में से एक माना जाता है, उन्होंने 2002 में मोहन बागान क्लब के साथ अपने पेशेवर करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने यूएसए की मेजर लीग सॉकर टीम, 2010 में कैनसस सिटी विजार्ड्स और पुर्तगाली में स्पोर्टिंग सीपी की रिजर्व टीम के लिए भी खेला है। 2012 में फुटबॉल लीग।
उन्होंने 2005 में भारत के लिए अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला और पाकिस्तान के खिलाफ वरिष्ठ राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के लिए अपना पहला गोल किया।
छेत्री को सात बार एआईएफएफ मेन्स प्लेयर ऑफ द ईयर चुना गया है।
सक्रिय खिलाड़ियों में, छेत्री 128 गोल के साथ पुर्तगाल के क्रिस्टियानो रोनाल्डो और 106 गोल के साथ अर्जेंटीना के लियोनेल मेसी के बाद अंतरराष्ट्रीय मैचों में तीसरे सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी हैं। छेत्री ने 94 गोल किए हैं, जिससे वह सक्रिय खिलाड़ियों में तीसरे स्थान पर हैं।
कुल मिलाकर, छेत्री चौथे सबसे अधिक गोल करने वाले खिलाड़ी हैं, जिन्होंने 511 क्लब और अंतर्राष्ट्रीय मैचों में 251 गोल किए हैं।
छेत्री 150 अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल मैच खेलने वाले विश्व स्तर पर 8वें खिलाड़ी हैं, पुर्तगाल के क्रिस्टियानो रोनाल्डो 205 अंतरराष्ट्रीय मैचों के साथ इस सूची में शीर्ष पर हैं।
छेत्री उस भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम का हिस्सा रहे हैं जिसने नेहरू कप (2007, 2009, 2012), दक्षिण एशियाई फुटबॉल महासंघ (एसएएफएफ) चैम्पियनशिप (2011, 2015, 2021) जीता और भारत के 2008 एएफसी चैलेंज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कप जीत, जिससे टीम को 27 वर्षों में पहली बार एएफसी एशियन कप (2011) के लिए क्वालीफाई करने में मदद मिली।
आईआईटी गुवाहाटी ने पहला भारत निर्मित स्वाइन फीवर वैक्सीन विकसित किया:
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी (आईआईटी गुवाहाटी) ने क्लासिकल स्वाइन फीवर वायरस से निपटने के उद्देश्य से एक नव विकसित वैक्सीन तकनीक बायोमेड प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित कर दी है।
सूअरों और जंगली सूअरों के लिए डिज़ाइन की गई यह वैक्सीन एक पुनः संयोजक वेक्टर वायरस का उपयोग करती है, जो इसे इन जानवरों के लिए अपनी तरह की पहली पुनः संयोजक वायरस-आधारित वैक्सीन के रूप में चिह्नित करती है।
प्रौद्योगिकी एक रिवर्स जेनेटिक प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करती है जिसे आईआईटी गुवाहाटी में अग्रणी और परिष्कृत किया गया था, जिसे स्वाइन बुखार को संबोधित करने के लिए डिज़ाइन किया गया था, जो सूअरों के बीच उच्च मृत्यु दर वाली एक अत्यधिक संक्रामक बीमारी है, लेकिन मनुष्यों को प्रभावित नहीं करती है।
पूर्वोत्तर राज्यों, बिहार, केरल, पंजाब, हरियाणा और गुजरात सहित कई भारतीय राज्यों में स्वाइन बुखार अक्सर पाया गया है।
इस वैक्सीन का विकास 2018 में आईआईटी गुवाहाटी के बायोसाइंसेज और बायोइंजीनियरिंग विभाग और असम कृषि विश्वविद्यालय के बीच एक सहयोगात्मक प्रयास के माध्यम से शुरू हुआ।
शोध को दो पत्रों में प्रलेखित किया गया है, जो “प्रोसेस बायोकैमिस्ट्री” और “आर्काइव्स ऑफ वायरोलॉजी” पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं।
शोध में न्यूकैसल रोग वायरस (एनडीवी) का उपयोग किया गया, जो मुर्गियों में अपनी रोगजनकता के लिए जाना जाता है, क्लासिकल स्वाइन फीवर वायरस के आवश्यक प्रोटीन को ले जाने के लिए एक वेक्टर के रूप में, एक उपन्यास, त्वरित और लागत प्रभावी टीकाकरण विधि की पेशकश करता है।
टीका वर्तमान में परीक्षण और विश्लेषण लाइसेंस के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया में है, जो सुअर आबादी के बीच इस अन्यथा लाइलाज बीमारी के प्रसार को नियंत्रित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, खासकर भारत के उत्तरपूर्वी हिस्सों में जहां हाल के वर्षों में इसका प्रकोप अक्सर होता रहा है।
बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने निधि सक्सेना को एमडी और सीईओ नियुक्त किया:
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की पूर्व कार्यकारी निदेशक निधि सक्सेना को 27 मार्च, 2024 से तीन साल के लिए बैंक ऑफ महाराष्ट्र का प्रबंध निदेशक और सीईओ नियुक्त किया गया है।
भारत सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ महाराष्ट्र के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के रूप में यूनियन बैंक की पूर्व कार्यकारी निदेशक निधि सक्सेना की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है।
एमडी और सीईओ के रूप में निधि सक्सेना का कार्यकाल 27 मार्च, 2024 से शुरू होकर तीन साल का होगा।
वह ए.एस राजीव का स्थान लेंगी, जिन्हें हाल ही में भारत सरकार द्वारा केंद्रीय सतर्कता आयोग में सतर्कता आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया था।
निधु सक्सेना के बारे में: उन्होंने अपने बैंकिंग करियर की शुरुआत बैंक ऑफ बड़ौदा से की और उन्होंने यूको बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ भी काम किया है और बैंकिंग क्षेत्र में विभिन्न पदों और विभागों में 26 वर्षों से अधिक का अनुभव प्राप्त किया है।
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में, सक्सेना ने प्रमुख बैंकिंग कार्यों की देखरेख करते हुए शाखा प्रमुख, जोनल प्रमुख और वर्टिकल प्रमुख सहित कई प्रमुख पदों पर कार्य किया।
यूनियन बैंक में उनकी भूमिकाओं में राजकोष, घरेलू और विदेशी व्यापार, अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग, मानव संसाधन, तनावग्रस्त संपत्ति, खुदरा संपत्ति, एमएसएमई, खुदरा देनदारियां, सीआईएसओ, धन प्रबंधन और ऑडिट वर्टिकल में काम करना शामिल था।
निधि सक्सेना ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (यूके) और यूनियन एसेट मैनेजमेंट कंपनी के बोर्ड में काम किया है, जो यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के म्यूचुअल फंड व्यवसाय का संचालन करती है, और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बैंक मैनेजमेंट, पुणे की अकादमिक परिषद की सदस्य रही है। और भारतीय बैंक प्रबंधन संस्थान, गुवाहाटी का शासी निकाय।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एमडी और सीईओ के लिए नियुक्ति प्रक्रिया: भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के तहत वित्तीय सेवा संस्थान ब्यूरो (एफएसआईबी) सरकार को एमडी और सीईओ के पद के लिए उम्मीदवारों की सिफारिश करता है। हालाँकि, सरकार एफएसआईबी की सिफारिशों का पालन करने के लिए बाध्य नहीं है।
एफएसआईबी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, वित्तीय संस्थानों और बीमा कंपनियों के बोर्डों के पूर्णकालिक निदेशकों और गैर-कार्यकारी अध्यक्षों के नामों की भी सिफारिश करता है।
भारत सरकार ने 1 जुलाई, 2022 को बैंक बोर्ड ब्यूरो की जगह एफएसआईबी की स्थापना की, जिसे 1 अप्रैल, 2016 को स्थापित किया गया था।
बैंक ऑफ महाराष्ट्र: 16 सितंबर, 1935 को एक निजी बैंक के रूप में स्थापित और 1936 में पुणे में परिचालन शुरू हुआ। 1969 में भारत सरकार द्वारा 13 अन्य निजी बैंकों के साथ इसका राष्ट्रीयकरण किया गया था। वर्तमान में, भारत सरकार के पास बैंक के लगभग 86% शेयर हैं।
टैगलाइन: एक परिवार, एक बैंक; मुख्यालय: पुणे, महाराष्ट्र; एमडी और सीईओ: निधु सक्सेना.
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Current Affairs 31 March 2024: 31 मार्च, 2024 को विभिन्न क्षेत्रों में कई उल्लेखनीय घटनाएँ सामने आईं, जो कानूनी, खेल, कॉर्पोरेट और पर्यावरण क्षेत्रों में विकास को प्रदर्शित करती हैं। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने एक हत्या के मामले से संबंधित जमानत मामले में एआई चैटबॉट चैटजीपीटी से सहायता मांगकर एक अभूतपूर्व निर्णय लिया, जो कानूनी क्षेत्र में पहली बार है। खेल की दुनिया में, राष्ट्रमंडल खेलों के चैंपियन चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी ने अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन मंच पर अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते हुए स्विस ओपन 2023 पुरुष युगल खिताब जीता। इस बीच, कॉर्पोरेट क्षेत्र में, मोटरसाइकिल और स्कूटर बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी निर्माता कंपनी हीरो मोटोकॉर्प ने रणनीतिक नेतृत्व परिवर्तन का संकेत देते हुए निरंजन गुप्ता को अपना नया सीईओ नियुक्त किया है।
इसके अतिरिक्त, राजस्थान ने जयपुर में दुनिया के तीसरे और भारत के दूसरे सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम की घोषणा के साथ अपने खेल बुनियादी ढांचे में एक महत्वपूर्ण विकास देखा, जो राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन और वेदांता के हिंदुस्तान जिंक के बीच एक सहयोग है। ये घटनाएँ प्रगति और नवाचार के प्रमुख क्षणों को उजागर करती हैं, जो इस तिथि पर वर्तमान मामलों की गतिशील प्रकृति को दर्शाती हैं। आईये इन घटनाओ पर एक नज़र डालते हैं।
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MoD ने 25 डोर्नियर विमानों को अपग्रेड करने के लिए HAL के साथ 2,890 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए
रक्षा मंत्रालय (MoD) ने भारतीय नौसेना के लिए 25 डोर्नियर विमानों के अपग्रेड को मंजूरी दे दी है।
इन विमानों के मिड लाइफ अपग्रेड (एमएलयू) और संबंधित उपकरणों के लिए एक अनुबंध पर 15 मार्च को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ हस्ताक्षर किए गए थे।
2,890 करोड़ रुपये मूल्य के अपग्रेड में अत्याधुनिक एवियोनिक्स सिस्टम और प्राइमरी रोल सेंसर शामिल होंगे।
परियोजना को साढ़े छह साल के भीतर पूरा करने की समयसीमा तय की गई है।
एमएलयू का लक्ष्य समुद्री निगरानी, तटीय निगरानी, इलेक्ट्रॉनिक खुफिया और समुद्री डोमेन जागरूकता के विकास के लिए डोर्नियर विमान की परिचालन क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाना है।
इस उन्नयन के माध्यम से खोज और बचाव, चिकित्सा/हताहत निकासी, और संचार लिंक संचालन जैसी माध्यमिक भूमिकाएँ भी बढ़ाई जाएंगी।
एमएलयू के कार्यान्वयन से 6.5 वर्षों में 1.8 लाख मानव दिवस रोजगार उत्पन्न होने की उम्मीद है।
यह अपग्रेड स्वदेशी स्रोतों से प्रमुख प्रणालियों और उपकरणों के उपयोग पर केंद्रित है, जो रक्षा में भारत की “आत्मनिर्भरता” (आत्मनिर्भरता) और मेक-इन-इंडिया पहल के साथ संरेखित है।
MeitY ने कर्नाटक के धारवाड़ जिले में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर स्थापित करने को मंजूरी दी
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने कर्नाटक के धारवाड़ जिले के कोटूर और बेलूर औद्योगिक क्षेत्र में एक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर की स्थापना को मंजूरी दे दी।
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने रुपये के मौजूदा निवेश पर प्रकाश डालते हुए क्लस्टर की मंजूरी की घोषणा की। विभिन्न कंपनियों से 350 करोड़ रुपये और लगभग 18,000 नौकरियों के सृजन का अनुमान है।
क्लस्टर से रुपये के बीच मूल्य की आर्थिक गतिविधि उत्पन्न होने की उम्मीद है। 1,500 करोड़ से रु. 2,000 करोड़.
कर्नाटक, हुबली-धारवाड़ में इस नए क्लस्टर के साथ, कोलार और देवनहल्ली में मौजूदा क्लस्टर के साथ, तमिलनाडु और नोएडा के साथ भारत के तीन प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स केंद्रों में से एक बनने की स्थिति में है।
इलेक्ट्रॉनिक्स क्लस्टर औद्योगिक इलेक्ट्रॉनिक्स, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, सौर विनिर्माण और ई-मोबिलिटी उत्पादों और घटकों सहित विभिन्न क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा।
अगले तीन वर्षों में कर्नाटक में 15 लाख युवाओं और देशभर में 1.5 करोड़ लोगों को प्रशिक्षित करने के लिए एक कौशल हब पंजीकरण पोर्टल लॉन्च किया गया।
केंद्र ने उद्योग की विविध परीक्षण आवश्यकताओं का समर्थन करने के लिए उन्नत परीक्षण सुविधाओं के विकास के लिए मैसूर में एक सामान्य सुविधा केंद्र को मंजूरी दे दी है।
यह परियोजना 224.5 एकड़ को कवर करेगी, जिसकी कुल लागत रु. सहित 179.14 करोड़ रु. केंद्रीय सहायता में 89.57 करोड़ और शेष कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (KIADB) द्वारा वित्त पोषित।
परियोजना कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में कार्य करने वाली KIADB के पास परियोजना को पूरा करने के लिए दो साल की समयसीमा है।
नौ एंकर इकाइयों ने रुपये का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है। क्लस्टर के भीतर 76 एकड़ भूमि के लिए 340 करोड़।
1 अप्रैल, 2020 को शुरू की गई संशोधित इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर (ईएमसी 2.0) योजना का उद्देश्य विनिर्माण इकाइयों और उनकी आपूर्ति श्रृंखलाओं को आकर्षित करने के लिए बुनियादी ढांचे और सामान्य परीक्षण सुविधाएं बनाना है।
ईएमसी 2.0 के तहत, 1,903 करोड़ रुपये की कुल परियोजना लागत के साथ 1,337 एकड़ में तीन इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण समूहों को मंजूरी दी गई है, जिसमें केंद्रीय वित्तीय सहायता में 889 करोड़ रुपये शामिल हैं और 20,910 करोड़ रुपये के निवेश लक्ष्य का लक्ष्य है।
स्किलिंग पोर्टल सरकारी और निजी स्कूलों, इंजीनियरिंग संस्थानों, मेडिकल और डेंटल कॉलेजों और पॉलिटेक्निक कॉलेजों के छात्रों सहित व्यापक जनसांख्यिकीय को लक्षित करते हुए 2डी एनीमेशन, 3डी प्रिंटिंग, ड्रोन सेवा, वीएफएक्स संपादन और औद्योगिक स्वचालन सहित विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान करेगा।
कौशल विकास मंत्रालय के आकलन के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 में 4.5 लाख उम्मीदवारों को कुशल बनाने की तत्काल मांग है।
पीएम मोदी ने बेंगलुरु में व्हाइटफील्ड से के आर पुरम तक मेट्रो लाइन का उद्घाटन किया
25 मार्च, 2023 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किए जाने के बाद, बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (बीएमआरसीएल) ने 26 मार्च, 2023 को व्हाइटफील्ड (कडुगोडी) से कृष्णराजपुरम तक 13.71 किलोमीटर की दूरी का वाणिज्यिक परिचालन शुरू किया।
यह नई मेट्रो लाइन बेंगलुरु के पहले तकनीकी गलियारे को नम्मा मेट्रो नेटवर्क से जोड़ती है, जो शहर के परिवहन बुनियादी ढांचे में एक महत्वपूर्ण विस्तार का प्रतीक है।
इस विस्तार के साथ, नम्मा मेट्रो भारत में दूसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क बन गया है, जो केवल दिल्ली मेट्रो से पीछे है।
नए खुले खंड से यात्रा के समय में 40% की कमी आने की उम्मीद है, जिससे प्रतिदिन 500,000 से 600,000 यात्रियों को लाभ होगा, विशेष रूप से आईटी पार्क, औद्योगिक क्षेत्रों, मॉल और अस्पतालों में काम करने वाले लोगों को।
प्रधान मंत्री मोदी ने उद्घाटन समारोह में भाग लिया, टिकट खरीदा और व्हाइटफील्ड और श्री सत्य साईं अस्पताल स्टेशन के बीच मेट्रो की सवारी की, अपनी यात्रा के दौरान स्कूली छात्रों, मेट्रो कर्मचारियों और श्रमिकों से मुलाकात की।
व्हाइटफील्ड-कृष्णराजपुरम विस्तार पर्पल लाइन का हिस्सा है और इसमें 12 नए स्टेशन शामिल हैं, जिनका निर्माण लगभग 4,000 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है।
इस खंड पर ट्रेनें 12 मिनट की आवृत्ति पर चलेंगी, जिसमें प्रतिदिन 150,000 यात्रियों की अनुमानित यात्रा होगी।
पुनर्योजी ब्रेकिंग सुविधाओं वाली पांच छह कोच वाली बीईएमएल ट्रेनें इस लाइन पर चलेंगी, जिससे ऊर्जा दक्षता 30-35% बढ़ जाएगी।
कृष्णराजपुरम और व्हाइटफील्ड (कडुगोडी) के बीच यात्रा करने वाले यात्रियों की सहायता के लिए फीडर बस सेवाएं और वाहनों के लिए पार्किंग सुविधाएं शुरू की गई हैं।
कृष्णराजपुरम और व्हाइटफील्ड में फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) मेट्रो स्टेशनों और रेलवे स्टेशनों के बीच सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेंगे, साथ ही सड़क विस्तार से पहुंच आसान हो जाएगी।
व्हाइटफील्ड और केआर पुरम के बीच यात्रा का अधिकतम किराया 35 रुपये निर्धारित है, जिसमें यात्रा में 22 मिनट लगेंगे।
इस खंड के चालू होने पर, बेंगलुरु का मेट्रो नेटवर्क 63 स्टेशनों के साथ 69.6 किमी तक फैला है, जिसने भारत में दूसरी सबसे बड़ी मेट्रो प्रणाली के रूप में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है।
बीएमआरसीएल अब पूरे बेंगलुरु में कनेक्टिविटी को और बढ़ाने के लिए 2023 के मध्य तक केंगेरी से चैलघट्टा तक पर्पल लाइन विस्तार को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
चैलघट्टा विस्तार का उद्देश्य मैसूरु रोड तक पहुंच में सुधार करना और तेजी से विकसित हो रहे नादप्रभु केम्पेगौड़ा लेआउट का समर्थन करना है।
वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए राज्य का बजट चल रही नम्मा मेट्रो परियोजनाओं के लिए 2500 करोड़ रुपये आवंटित करता है, जिसमें वर्ष के भीतर नेटवर्क को 40.15 किलोमीटर तक विस्तारित करने की योजना है।
ये विस्तार बेंगलुरु के परिवहन बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने, शहर के अधिक क्षेत्रों में मेट्रो रेल कनेक्टिविटी बढ़ाने और इसके निवासियों को लाभान्वित करने के प्रयासों का हिस्सा हैं।
भारत का पहला क्वांटम कंप्यूटिंग-आधारित टेलीकॉम नेटवर्क लिंक अब चालू: अश्विनी वैष्णव
भारत का पहला क्वांटम कंप्यूटिंग-आधारित दूरसंचार नेटवर्क लिंक नई दिल्ली में चालू हो गया है, इसकी घोषणा केंद्रीय संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की।
क्वांटम संचार लिंक राष्ट्रीय राजधानी के सीजीओ कॉम्प्लेक्स में संचार भवन और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) कार्यालय को जोड़ता है।
परिचालन क्वांटम लिंक क्वांटम बिट्स (क्यूबिट्स) के संचरण के माध्यम से बढ़ी हुई सुरक्षा का वादा करता है, जो उनकी दोहरी-मूल्य क्षमता (शून्य और एक साथ) के कारण अवरोधन करना चुनौतीपूर्ण है।
लिंक की सुरक्षा का परीक्षण करने के लिए, मंत्री ने एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए एथिकल हैकर्स को आमंत्रित करते हुए एक हैकथॉन का आयोजन किया है, जिसमें 10 लाख रुपये की पुरस्कार राशि की पेशकश की गई है।
वैष्णव ने एक कन्वर्सेशनल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टूल के संबंध में एक आगामी महत्वपूर्ण घोषणा को छेड़ा, जो कुछ ही हफ्तों में चैटजीपीटी जैसे विकास की ओर इशारा करता है।
मंत्री ने मौजूदा संसद सत्र का हवाला देते हुए एआई टूल के बारे में अधिक जानकारी देने से परहेज किया।
उन्होंने वैश्विक प्रौद्योगिकी परिदृश्य में एक मात्र उपभोक्ता से एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनने के भारत के परिवर्तन पर प्रकाश डाला, और वैश्विक प्रौद्योगिकी विकास में भारतीय स्टार्टअप, उद्यमियों और शिक्षाविदों की साझेदारी के मूल्य पर जोर दिया।
वैष्णव ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और क्वांटम कंप्यूटिंग में भारत की प्रगति की ओर इशारा किया, जो घरेलू उपयोग और वैश्विक अनुप्रयोग दोनों के लिए समाधान बनाने के लिए स्थानीय प्रतिभा का लाभ उठाने के देश के इरादे को दर्शाता है।
भारत अक्टूबर 2024 तक 1000 शहरों को 3-स्टार कचरा मुक्त बनाएगा: हरदीप पुरी
भारत सरकार का लक्ष्य अक्टूबर 2024 तक एक हजार शहरों के लिए “3-स्टार कचरा मुक्त” रेटिंग हासिल करना है, जिसमें कचरे के ढेर को खत्म करने और नदियों में अनुपचारित सीवेज के निर्वहन को रोकने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप एस पुरी ने दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय शून्य अपशिष्ट दिवस 2023 के दौरान इस लक्ष्य की घोषणा की।
जनवरी 2018 में शुरू किया गया कचरा मुक्त शहर (जीएफसी) स्टार रेटिंग प्रोटोकॉल, स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार के लिए शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के बीच प्रतिस्पर्धी माहौल को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें 7-स्टार रेटिंग उच्चतम प्राप्य मानक है।
इंदौर ने इस प्रोटोकॉल के तहत उच्चतम 7-स्टार कचरा मुक्त मानक सफलतापूर्वक प्राप्त कर लिया है।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत, शहरी भारत को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया गया है, सभी 4,715 यूएलबी ओडीएफ मानक तक पहुंच गए हैं, 3,547 यूएलबी ने कार्यात्मक और स्वच्छ सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों को बनाए रखते हुए ओडीएफ+ का दर्जा प्राप्त किया है, और 1,191 यूएलबी ने पूर्ण रूप से ओडीएफ++ का दर्जा प्राप्त किया है। मल कीचड़ प्रबंधन.
भारत में अपशिष्ट प्रसंस्करण क्षमता चार गुना बढ़ गई है, जो 2014 में 17% से बढ़कर वर्तमान में 75% हो गई है। इस सुधार को 97% वार्डों में 100% घर-घर कचरा संग्रहण और देश भर में लगभग 90% वार्डों में कचरे के स्रोत पृथक्करण का अभ्यास द्वारा समर्थित किया गया है।
मंत्री पुरी स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (एसबीएम-यू) के दूसरे चरण (एसबीएम-यू 2.0) के लक्ष्यों को उल्लेखनीय रूप से पार करने को लेकर आशावादी हैं, जिसका लक्ष्य भारत को कचरा-मुक्त देश बनाना है।
गुरुवार को आयोजित ‘कचरा मुक्त शहर’ रैली के महत्व पर देश भर में अपशिष्ट प्रबंधन प्रथाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने में इसकी भूमिका पर जोर दिया गया।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने “कचरा मुक्त शहर” बनाने के व्यापक लक्ष्य के साथ 1 अक्टूबर, 2022 को स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 का उद्घाटन किया।
अंतरराष्ट्रीय
यूएई के राष्ट्रपति ने शेख मंसूर को उपराष्ट्रपति नियुक्त किया
संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने अपने भाई शेख मंसूर बिन जायद अल नाहयान को देश का उपराष्ट्रपति नियुक्त किया।
नियुक्ति को यूएई संघीय सुप्रीम काउंसिल से मंजूरी मिल गई।
वर्तमान उपराष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम, शेख मंसूर के साथ अपनी भूमिका में काम करते रहेंगे।
शेख मंसूर पहले संयुक्त अरब अमीरात में उप प्रधान मंत्री और राष्ट्रपति न्यायालय के मंत्री के पद पर रह चुके हैं।
उनका सार्वजनिक सेवा करियर 2004 के बाद से कई प्रमुख भूमिकाओं के लिए उल्लेखनीय है, जिसमें राष्ट्रपति मामलों के मंत्री, मंत्रिस्तरीय विकास परिषद के अध्यक्ष और अबू धाबी सुप्रीम पेट्रोलियम काउंसिल में सदस्यता शामिल है।
उन्होंने अबू धाबी न्यायिक विभाग, राष्ट्रीय अभिलेखागार, अबू धाबी विकास कोष और अबू धाबी खाद्य नियंत्रण प्राधिकरण के बोर्ड जैसे महत्वपूर्ण संगठनों की अध्यक्षता की है।
शेख मंसूर का जन्म 1970 में अबू धाबी में हुआ था और उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका में उच्च शिक्षा हासिल की और 1993 में अंतरराष्ट्रीय संबंधों में स्नातक की डिग्री हासिल की।
उनका करियर उनके पिता, शेख जायद बिन सुल्तान अल नाहयान, संयुक्त अरब अमीरात के पहले राष्ट्रपति, के कार्यालय के अध्यक्ष के रूप में शुरू हुआ, 2004 में राष्ट्रपति मामलों के मंत्री, मई 2009 में उप प्रधान मंत्री और राष्ट्रपति न्यायालय के मंत्री के रूप में उनकी भूमिकाओं से पहले। जुलाई 2022.
पासपोर्ट सूचकांक में 199 देशों में भारत छह स्थान गिरकर 144वें स्थान पर आ गया है
पासपोर्ट सूचकांक 2023 में कुल 199 देशों के बीच भारत की रैंकिंग पिछले वर्ष के 138वें स्थान से घटकर 144वें स्थान पर आ गई।
पासपोर्ट इंडेक्स 2023 एक वित्तीय सलाहकार सेवा फर्म आर्टन कैपिटल द्वारा प्रकाशित किया जाता है, जो पासपोर्ट को उनकी गतिशीलता स्कोर के आधार पर रैंक करता है।
मोबिलिटी स्कोर यह निर्धारित करता है कि वीज़ा-मुक्त प्रवेश, आगमन पर वीज़ा, ईवीज़ा (यदि तीन दिनों के भीतर आवेदन किया जाता है), और इलेक्ट्रॉनिक यात्रा प्राधिकरण जैसे कारकों पर विचार करते हुए, किसी देश के नागरिक कितनी स्वतंत्र रूप से यात्रा कर सकते हैं।
COVID-19 यात्रा प्रतिबंधों के कारण भारत का गतिशीलता स्कोर 2019 में 71 से घटकर 2020 में 47 हो गया, प्रतिबंधों में ढील के बाद 2022 में 73 हो गया, लेकिन 2023 में गिरकर 70 हो गया।
2023 में भारत के गतिशीलता स्कोर में गिरावट का श्रेय यूरोपीय संघ की वीज़ा नीति में बदलाव को दिया जाता है।
चीन भी रैंकिंग में नीचे, 118वें स्थान पर है, जिसके पासपोर्ट की ताकत यूरोपीय संघ, भारत और जापान जैसी महत्वपूर्ण संस्थाओं के साथ वीज़ा-मुक्त समझौतों की कमी के कारण सीमित है।
एशिया में गतिशीलता में गिरावट के रुझान के विपरीत, दक्षिण कोरिया और जापान ने मजबूत पासपोर्ट ताकत दिखाई और क्रमशः 174 और 172 के गतिशीलता स्कोर के साथ 12वें और 26वें स्थान पर रहे।
संयुक्त अरब अमीरात 181 के उच्चतम गतिशीलता स्कोर के साथ व्यक्तिगत पासपोर्ट रैंकिंग में शीर्ष पर है, इसके बाद 174 के स्कोर के साथ कई यूरोपीय देश (स्वीडन, जर्मनी, फिनलैंड, लक्ज़मबर्ग, स्पेन, फ्रांस, इटली, नीदरलैंड और ऑस्ट्रिया) हैं।
पासपोर्ट इंडेक्स के सह-संस्थापक ह्रांट बोघोसियन ने कहा कि जहां भारत और चीन में पासपोर्ट गतिशीलता में गिरावट देखी गई है, वहीं चीन के हालिया पुन: उद्घाटन से वीजा समझौतों के माध्यम से इसकी वैश्विक गतिशीलता में सुधार हो सकता है जो वैश्विक प्रभाव बढ़ाने के अपने लक्ष्य के अनुरूप है।
बेहतर वीज़ा समझौते हासिल करने के चीन के प्रयास संयुक्त राज्य अमेरिका और पश्चिमी यूरोप के साथ बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव से प्रभावित हो सकते हैं, संभवतः चीन के करीबी प्रभाव क्षेत्र के देशों तक समझौते सीमित हो सकते हैं।
जनवरी में हेनले और पार्टनर्स द्वारा एक अलग रैंकिंग में भारत को 199 देशों में मॉरिटानिया और उज़्बेकिस्तान के साथ 85वें स्थान पर रखा गया, जिससे पता चला कि उसके नागरिक प्रस्थान-पूर्व वीज़ा के बिना कितने गंतव्यों तक पहुँच सकते हैं।
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स के मुताबिक, भारतीय पासपोर्ट धारक बिना वीजा के 59 देशों की यात्रा कर सकते हैं।
अज़रबैजान, ताजिकिस्तान मलेरिया मुक्त मील के पत्थर तक पहुँचे
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अजरबैजान और ताजिकिस्तान को मलेरिया मुक्त प्रमाणित किया है।
इस प्रमाणीकरण की घोषणा 29 मार्च, 2023 को की गई थी, जो मलेरिया को खत्म करने के उनके शताब्दी-लंबे प्रयासों की सफलता को दर्शाता है।
WHO किसी देश को मलेरिया मुक्त प्रमाणित करता है यदि वह यह प्रदर्शित कर सके कि मलेरिया का संचरण चक्र लगातार कम से कम तीन वर्षों तक बाधित रहा है।
ताजिकिस्तान में, क्षेत्रीय प्लास्मोडियम विवैक्स मलेरिया फैलने के आखिरी मामले 2012 में दर्ज किए गए थे, और अजरबैजान में, आखिरी मामले 2014 में दर्ज किए गए थे।
इस घोषणा के साथ, WHO द्वारा मलेरिया मुक्त घोषित देशों और क्षेत्रों की कुल संख्या 41 तक पहुंच गई है, जिसमें यूरोपीय क्षेत्र के 21 देश भी शामिल हैं।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्येयियस ने अजरबैजान और ताजिकिस्तान के लोगों और सरकारों के प्रयासों और प्रतिबद्धता की सराहना की।
अपनी मलेरिया-मुक्त स्थिति को बनाए रखने के लिए, दोनों देशों को मलेरिया संचरण की पुन: स्थापना को रोकने के लिए चल रही क्षमता का प्रदर्शन करना चाहिए।
अज़रबैजान और ताजिकिस्तान की उपलब्धि का श्रेय निरंतर निवेश, स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ता समर्पण, लक्षित रोकथाम, शीघ्र पता लगाने और उपचार प्रयासों को दिया गया।
यूरोप के लिए डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. हंस हेनरी पी. क्लूज ने कहा कि यह उपलब्धि डब्ल्यूएचओ यूरोपीय क्षेत्र को पूरी तरह से मलेरिया मुक्त होने वाला पहला क्षेत्र बनने के करीब ले जाती है।
60 से अधिक वर्षों से, दोनों देशों ने मलेरिया के खिलाफ अपने प्रयासों का समर्थन करते हुए, सभी नागरिकों को मुफ्त बुनियादी स्वास्थ्य देखभाल प्रदान की है।
रणनीतियों में लक्षित मलेरिया हस्तक्षेप जैसे घर के अंदर कीटनाशकों का छिड़काव, शीघ्र निदान और उपचार को प्रोत्साहित करना और स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए निरंतर प्रशिक्षण शामिल थे।
डब्ल्यूएचओ के टेड्रोस ने इस बात पर जोर दिया कि अजरबैजान और ताजिकिस्तान की सफलता दर्शाती है कि पर्याप्त संसाधनों और राजनीतिक इच्छाशक्ति के साथ, मलेरिया उन्मूलन संभव है।
दोनों देशों ने स्वदेशी और आयातित संक्रमणों के बीच अंतर करने और मामलों पर वास्तविक समय डेटा प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक मलेरिया निगरानी प्रणाली लागू की है।
अज़रबैजान और ताजिकिस्तान ने भी जैविक लार्वा नियंत्रण रणनीतियों का उपयोग किया, जिसमें मच्छर खाने वाली मछली शुरू करना और मलेरिया वैक्टर को कम करने के लिए जल प्रबंधन प्रथाओं को लागू करना शामिल है।
बैंकिंग व वित्त
नया सेबी नामांकन नियम: 30 सितंबर को समय सीमा समाप्त होने से पहले विवरण कैसे जमा करें
सेबी के नए नियमों के अनुसार, म्यूचुअल फंड निवेशकों को फ्रीजिंग से बचने के लिए 30 सितंबर तक अपने फोलियो के लिए नामांकन करना होगा या नामांकन से बाहर निकलना होगा।
सेबी ने शुरुआत में म्यूचुअल फंड फोलियो में नामांकन के लिए 31 मार्च, 2023 की समय सीमा तय की थी, लेकिन इसे 30 सितंबर, 2023 तक बढ़ा दिया।
यह अधिदेश अकेले या संयुक्त रूप से म्यूचुअल फंड यूनिट रखने वाले सभी मौजूदा व्यक्तिगत यूनिट धारकों पर लागू होता है।
उचित नामांकन या बाहर निकलने के बिना, समय सीमा के बाद डेबिट के लिए म्यूचुअल फंड फोलियो को फ्रीज कर दिया जाएगा।
परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) और रजिस्ट्रार और ट्रांसफर एजेंटों (आरटीए) को नामांकन आवश्यकता का अनुपालन करने के लिए यूनिट धारकों को ईमेल और एसएमएस के माध्यम से पाक्षिक रूप से याद दिलाना आवश्यक है।
1 अक्टूबर, 2022 के बाद बनाए गए फोलियो के लिए नामांकन प्रदान करना या बाहर निकलना पहले से ही अनिवार्य है।
1 अक्टूबर, 2022 से पहले बनाए गए फोलियो वाले निवेशकों को 30 सितंबर, 2023 तक नामांकन प्रक्रिया पूरी करनी होगी या ऑप्ट-आउट करना होगा।
नामांकन या ऑप्ट-आउट प्रक्रिया या तो ऑनलाइन या भौतिक फॉर्म जमा करके, भौतिक सबमिशन के लिए गीले हस्ताक्षर या ऑनलाइन सबमिशन के लिए ई-साइन के साथ पूरी की जा सकती है।
इस प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए निवेशकों को यह सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है कि उनके संपर्क विवरण उनके म्यूचुअल फंड फोलियो में अद्यतन हों।
प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए, निवेशक ओटीपी या ई-साइन का उपयोग करके नामांकित विवरण या ऑप्ट-आउट घोषणाएं जमा करने के लिए कार्वी (केफिनटेक) या सीएएमएस वेबसाइटों पर जा सकते हैं।
नामांकन या बाहर निकलने के लिए भौतिक फॉर्म CAMS निवेशक सेवा केंद्रों या कार्वी (KFintech) केंद्रों पर भी स्वीकार किए जाते हैं।
नामांकन एक व्यक्तिगत यूनिट धारक को यूनिटधारक की मृत्यु की स्थिति में अपनी इकाइयों या मोचन आय का दावा करने के लिए एक व्यक्ति को नामित करने की अनुमति देता है।
संयुक्त रूप से धारित इकाइयों के मामले में, सभी संयुक्त धारकों को सभी संयुक्त धारकों की मृत्यु पर इकाइयों के अधिकार प्राप्त करने के लिए एक व्यक्ति को नामांकित करना होगा।
ओडिशा और कर्नाटक की आजीविका में सुधार के लिए विश्व बैंक वित्तपोषण
वाटरशेड प्रबंधन प्रथाओं में सुधार के लिए भारत सरकार, कर्नाटक और ओडिशा राज्य सरकारों और विश्व बैंक से जुड़े 115 मिलियन डॉलर के कार्यक्रम पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
इस पहल का उद्देश्य किसानों की जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीलापन बढ़ाना, कृषि उत्पादकता बढ़ाना और आधुनिक वाटरशेड प्रथाओं के माध्यम से आय में सुधार करना है।
कार्यक्रम को ग्रामीण विकास मंत्रालय के भूमि संसाधन विभाग और कर्नाटक और ओडिशा में लागू किया जाएगा, जिसका लक्ष्य लचीली कृषि के लिए तकनीकी क्षमता और सेवा की गुणवत्ता को बढ़ावा देना है।
भारत की प्रतिबद्धता में 2030 तक 26 मिलियन हेक्टेयर बंजर भूमि को बहाल करना और 2023 तक किसानों की आय को दोगुना करना शामिल है, जिसमें प्रभावी वाटरशेड प्रबंधन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
कार्यक्रम कृषि विकास के लिए वाटरशेड विकास के महत्व पर जोर देता है, खासकर कर्नाटक और ओडिशा के किसानों के लिए जो प्राकृतिक आपदाओं और जलवायु परिवर्तन के प्रति संवेदनशील हैं।
समझौते पर हस्ताक्षर करने वालों में रजत मिश्रा (भारत सरकार), एस.आर. उमाशंकर (कर्नाटक सरकार), संजीव चोपड़ा (ओडिशा सरकार), और जुनैद अहमद (विश्व बैंक)।
विश्व बैंक टिकाऊ कृषि की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है जो जलवायु अनिश्चितताओं का सामना कर सके, विज्ञान-आधारित, डेटा-संचालित वाटरशेड प्रबंधन दृष्टिकोण की वकालत करता है।
कार्यक्रम का उद्देश्य क्षमता निर्माण और राष्ट्रीय नीतियों और मानकों के विकास सहित वाटरशेड विकास के लिए संस्थागत समर्थन और नीति को मजबूत करना है।
यह जलवायु लचीलेपन के लिए विज्ञान-आधारित योजना को बढ़ावा देगा, डिजिटल डेटा लाइब्रेरी का समर्थन करेगा, किसानों को लचीली प्रौद्योगिकियों को अपनाने में मदद करेगा और कृषि-प्रसंस्करण और विपणन के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी को एकीकृत करेगा।
भारत के जलक्षेत्र प्रबंधन के लिए विश्व बैंक के समर्थन में स्थानिक डेटा प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाना, निर्णय समर्थन उपकरण और राज्यों और विश्व स्तर पर सीखे गए पाठों को साझा करने के लिए ज्ञान का आदान-प्रदान शामिल है।
इंटरनेशनल बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट (आईबीआरडी) की वित्तीय व्यवस्था कर्नाटक के लिए 60 मिलियन डॉलर, ओडिशा के लिए 49 मिलियन डॉलर और केंद्र सरकार के भूमि संसाधन विभाग के लिए 6 मिलियन डॉलर है।
ऋण की परिपक्वता अवधि 4.5 वर्ष की छूट अवधि के साथ 15 वर्ष है।
SBI को वित्त वर्ष 2018 में DFS से बिना मांगे 8,800 करोड़ रुपये मिले
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को वित्तीय वर्ष 2017-18 में वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) से बिना किसी अनुरोध के 8,800 करोड़ रुपये की पुनर्पूंजीकरण राशि प्राप्त हुई।
भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) ने संसद में प्रस्तुत वित्त वर्ष 2011 के लिए अनुपालन ऑडिट रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला।
डीएफएस ने पुनर्पूंजीकरण के साथ आगे बढ़ने से पहले अपने मानक अभ्यास के अनुसार एसबीआई की पूंजी आवश्यकताओं का आकलन नहीं किया।
एसबीआई की ओर से कोई मांग नहीं होने के बावजूद, देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (पीएसबी) के रूप में एसबीआई की स्थिति को देखते हुए, ऋण वृद्धि का समर्थन करने के आधार पर डीएफएस द्वारा पूंजी निवेश को उचित ठहराया गया था।
सीएजी की रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि पुनर्पूंजीकरण में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा निर्धारित पूंजी मानदंडों पर छूट शामिल है, जिससे 7,785.81 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश हुआ।
एक अलग उदाहरण में, डीएफएस ने 2019-20 में बैंक ऑफ महाराष्ट्र में 831 करोड़ रुपये का निवेश किया, जो अप्रयुक्त निधि में 33 करोड़ रुपये की वापसी को रोकने के लिए बैंक के अनुरोधित 798 करोड़ रुपये से अधिक था।
पीएसबी के पुनर्पूंजीकरण के लिए सरकार के तर्क में ऋण वृद्धि का समर्थन करना, पीएसबी को नियामक पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करना सुनिश्चित करना, आरबीआई के त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई ढांचे के तहत अच्छा प्रदर्शन करने वाले बैंकों को सुधार करने में सहायता करना और बैंक समामेलन से संबंधित पूंजी आवश्यकताओं को संबोधित करना शामिल है।
अर्थव्यवस्था और व्यापार
कच्चे तेल, कोयले की अधिक खेप के कारण वित्त वर्ष 2023 में भारत का व्यापारिक आयात 700 अरब अमेरिकी डॉलर को पार कर जाएगा
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) की एक रिपोर्ट के अनुसार, कच्चे तेल, कोयला, हीरे, रसायन और इलेक्ट्रॉनिक्स के आयात में वृद्धि के कारण इस वित्तीय वर्ष में भारत का व्यापारिक आयात 16% बढ़कर 710 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है।
जीटीआरआई रिपोर्ट में कमजोर वैश्विक मांग और प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में मंदी से भारतीय अर्थव्यवस्था पर मध्यम प्रभाव का अनुमान लगाया गया है।
छह उत्पाद श्रेणियां-पेट्रोलियम और कच्चा तेल; कोयला और कोक; हीरे और कीमती धातुएँ; रसायन, फार्मास्यूटिकल्स, रबर और प्लास्टिक; इलेक्ट्रॉनिक्स; और मशीनरी- भारत के कुल व्यापारिक आयात का 82% हिस्सा बनाते हैं।
इस वित्तीय वर्ष के लिए पेट्रोलियम आयात का अनुमानित मूल्य 210 बिलियन अमेरिकी डॉलर है, जिसमें कच्चा तेल, एलएनजी और एलपीजी शामिल है, पिछले वित्तीय वर्ष से कच्चे तेल का आयात 53% बढ़ गया है।
भारत के कच्चे तेल के प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं में इराक (36 बिलियन अमेरिकी डॉलर), सऊदी अरब (31 बिलियन अमेरिकी डॉलर), रूस (21 बिलियन अमेरिकी डॉलर), संयुक्त अरब अमीरात (7 बिलियन अमेरिकी डॉलर) और अमेरिका (11.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर) शामिल हैं, जिनका आयात रूस से होता है। पिछले वर्ष से 850% अधिक।
वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान कोक और कोयले का आयात 51 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
कोकिंग कोयले का आयात 20.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक हो सकता है, जो पिछले वर्ष से 87% अधिक है, और भाप कोयले का आयात 23.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक हो सकता है, जो पिछले वर्ष से 105% अधिक है।
इस वित्तीय वर्ष में हीरे का आयात 27.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है, जिसमें से अधिकांश का निर्यात भारत के लिए 24 बिलियन अमेरिकी डॉलर कमाने के लिए किया जा रहा है।
भारत के आयात में रसायन, फार्मास्यूटिकल्स, प्लास्टिक और रबर का योगदान 98.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर या 13.8% है, जिसमें एक महत्वपूर्ण हिस्सा सक्रिय फार्मास्युटिकल सामग्री (एपीआई), उर्वरक और प्लास्टिक सहित कार्बनिक रसायनों का है।
भारत अपने एपीआई का 65-70% चीन से आयात करता है, जो स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए भारत के एपीआई उद्योग को पुनर्जीवित करने और संपूर्ण आपूर्ति श्रृंखला पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।
मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार आयात 135 बिलियन अमेरिकी डॉलर या भारत के आयात का 20.4% है।
रिपोर्ट चीन, कोरिया और जापान जैसे देशों से उनकी अतिरिक्त क्षमताओं और यूरोपीय संघ के कार्बन सीमा करों के कारण स्टील, धातु, अयस्कों और खनिजों के सब्सिडी वाले आयात के खिलाफ चेतावनी देती है।
भारत के मुख्य आयात भागीदार चीन, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका, सऊदी अरब, इराक, रूस, इंडोनेशिया, सिंगापुर और दक्षिण कोरिया हैं, सबसे बड़ा व्यापार घाटा चीन के साथ 87.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है।
भारत को चीन का निर्यात मुख्य रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी और कार्बनिक रसायनों में होता है, जिसमें प्लास्टिक, उर्वरक और चिकित्सा और वैज्ञानिक उपकरणों सहित अन्य महत्वपूर्ण आयात होते हैं।
उम्मीद है कि वाणिज्य मंत्रालय अप्रैल के मध्य तक 2022-23 वित्तीय वर्ष के लिए आधिकारिक निर्यात और आयात आंकड़े जारी करेगा।
नियुक्ति
टाटा पावर बोर्ड ने सीईओ और एमडी के रूप में डॉ. प्रवीर सिन्हा की पुनर्नियुक्ति को मंजूरी दे दी
डॉ. प्रवीर सिन्हा को 1 मई, 2023 से 30 अप्रैल, 2027 तक प्रभावी चार साल के नए कार्यकाल के लिए टाटा पावर कंपनी लिमिटेड के सीईओ और प्रबंध निदेशक के रूप में फिर से नियुक्त किया गया है।
उनकी पुनर्नियुक्ति को कंपनी के सदस्यों से मंजूरी मिलनी बाकी है।
बिजली क्षेत्र में लगभग चार दशकों के अनुभव के साथ, डॉ. सिन्हा ने बिजली क्षेत्र की मूल्य श्रृंखला में कई नेतृत्वकारी भूमिकाएँ निभाई हैं।
उन्होंने टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड के सफल बदलाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, अन्य वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) और विकासशील देशों के लिए एक मॉडल परिचालन प्रणाली बनाने के लिए तकनीकी और सामाजिक हस्तक्षेप का उपयोग किया।
वर्तमान में, डॉ. सिन्हा टाटा पावर को एक टिकाऊ, प्रौद्योगिकी-केंद्रित, ग्राहक-केंद्रित हरित ऊर्जा समाधान प्रदाता में बदलने का नेतृत्व कर रहे हैं।
उन्होंने स्वच्छ ऊर्जा नवाचारों के लिए भारत के पहले अंतर्राष्ट्रीय इनक्यूबेटर की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी भागीदारों और संस्थानों दोनों के साथ कई साझेदारियाँ स्थापित की हैं।
डॉ. सिन्हा सीआईआई पश्चिमी क्षेत्र परिषद के अध्यक्ष का पद संभालते हैं और बिजली पर सीआईआई राष्ट्रीय समिति के सह-अध्यक्ष हैं।
वह बिजनेस लॉ में मास्टर डिग्री के साथ एक योग्य इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं और उन्होंने अपनी पीएच.डी. अर्जित की है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली से।
डॉ. सिन्हा अमेरिका के बोस्टन में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) में विजिटिंग रिसर्च एसोसिएट भी हैं।
सीईओ और प्रबंध निदेशक के रूप में उनका वर्तमान कार्यकाल उनके नए कार्यकाल की शुरुआत से पहले 30 अप्रैल, 2023 को समाप्त होगा।
स्टार स्पोर्ट्स ने बॉलीवुड अभिनेता रणवीर सिंह को अपना ब्रांड एंबेसडर बनाया है
वॉल्ट डिज़नी कंपनी इंडिया के स्वामित्व वाली स्टार स्पोर्ट्स ने बॉलीवुड अभिनेता रणवीर सिंह को अपना ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया है।
रणवीर सिंह स्टार स्पोर्ट्स से जुड़ने वाले पहले अभिनेता हैं, जो खेल और मनोरंजन के बीच बढ़ते संबंध का प्रतीक है।
ब्रांड एंबेसडर के रूप में, सिंह इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के आगामी सीज़न के लिए ‘सूत्रधार’ (कथावाचक) के रूप में काम करेंगे, जिसे 31 मार्च से शुरू होने वाली “अतुल्य लीग” कहा जाएगा, और लीग के लिए सामग्री बनाने में मदद करेंगे।
साझेदारी का उद्देश्य सिंह की व्यापक लोकप्रियता और खेल के प्रति जुनून का उपयोग व्यापक दर्शक वर्ग के साथ जुड़ने के लिए करना है, जिसमें वे लोग भी शामिल हैं जिन्होंने अभी तक खेल के साथ गहरा संबंध स्थापित नहीं किया है।
रणवीर सिंह ने स्टार स्पोर्ट्स में शामिल होने के बारे में अपना उत्साह व्यक्त किया, भारत में खेलों को देखने और उपभोग करने के तरीके को नया रूप देने में चैनल की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला, और चैनल पर प्रतिष्ठित खेल क्षणों को देखने के साथ अपने व्यक्तिगत संबंध को साझा किया।
डिज़्नी स्टार के खेल प्रमुख संजोग गुप्ता ने भारत में खेल को एक व्यापक आंदोलन में बदलने के लिए निरंतर प्रशंसकों की आवश्यकता पर जोर दिया और उनका मानना है कि सिंह की भागीदारी नए दर्शकों को खेल की ओर आकर्षित कर सकती है, जिसमें कम नियमित या गैर-क्रिकेट दर्शक भी शामिल हैं।
सिंह नेटवर्क पर अन्य प्रमुख खेल आयोजनों, जैसे विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल, प्रीमियर लीग, प्रो कबड्डी, एशिया कप और आईसीसी क्रिकेट विश्व कप के अभियानों में भी शामिल होंगे।
हाल ही में, क्रोल के ‘सेलिब्रिटी ब्रांड वैल्यूएशन’ अध्ययन की रिपोर्ट के अनुसार, रणवीर सिंह ने $181.7 मिलियन के ब्रांड मूल्य के साथ, 2022 में विज्ञापन के लिए सबसे मूल्यवान सेलिब्रिटी के रूप में विराट कोहली को पीछे छोड़ दिया।
विराट कोहली, जिनकी ब्रांड वैल्यू पहले शीर्ष पर थी, पिछले दो वर्षों में गिरावट देखी गई है, जो भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम की कप्तानी से उनके इस्तीफे के कारण चिह्नित है, उनकी वैल्यू 2020 में 237.7 मिलियन डॉलर से घटकर 179.6 मिलियन डॉलर हो गई है।
51 वर्षीय एलन मस्क सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले ट्विटर यूजर बन गए हैं
प्लेटफॉर्म हासिल करने के पांच महीने बाद, एलोन मस्क पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को पछाड़कर ट्विटर पर सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले अकाउंट बन गए हैं।
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के अनुसार, साइट के 44 बिलियन डॉलर के अधिग्रहण के बाद से ट्विटर पर मस्क के फॉलोअर्स की संख्या 133 मिलियन से अधिक हो गई है।
51 साल के बराक ओबामा 2020 के बाद से ट्विटर पर सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले अकाउंट के मामले में पिछले रिकॉर्ड धारक थे।
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की रिपोर्ट के अनुसार, ट्विटर के लगभग 450 मिलियन मासिक सक्रिय उपयोगकर्ताओं में से लगभग 30% मस्क का अनुसरण करते हैं।
सोशल ब्लेड डेटा से पता चलता है कि पिछले 30 दिनों में बराक ओबामा और कनाडाई गायक जस्टिन बीबर ने क्रमशः 268,585 और 118,950 से अधिक फॉलोअर्स खो दिए हैं।
गुरुवार तक मस्क के ट्विटर पर 133,084,560 फॉलोअर्स थे, जो ओबामा के 133,041,813 फॉलोअर्स से थोड़ा अधिक है।
मस्क ने कानूनी सीमाओं के भीतर न्यूनतम सेंसरशिप का वादा करते हुए ट्विटर को अधिक मुक्त संचार के लिए एक मंच के रूप में बढ़ावा दिया है।
ट्विटर ने घोषणा की कि 1 अप्रैल से, ‘ब्लू टिक’ सत्यापन कुछ व्यक्तिगत खातों से हटा दिया जाएगा और केवल भुगतान करने वाले ग्राहकों के लिए उपलब्ध होगा।
फोर्ब्स की रियल-टाइम बिलियनेयर्स लिस्ट के अनुसार, एलोन मस्क की कुल संपत्ति वर्तमान में 190 बिलियन डॉलर है, जो उन्हें दुनिया के सबसे अमीर आदमी के रूप में एलवीएमएच के मालिक बर्नार्ड अरनॉल्ट के बाद दूसरे स्थान पर रखती है।
हिताची पेमेंट सर्विसेज ने सुमिल विकमसे को एमडी नियुक्त किया
सुमिल विकमसे को 1 अप्रैल, 2023 से हिताची पेमेंट सर्विसेज का नया प्रबंध निदेशक (एमडी) नियुक्त किया गया है।
एमडी के रूप में अपनी नई भूमिका के अलावा, विकमसे कैश बिजनेस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के रूप में अपनी जिम्मेदारियां जारी रखेंगे और उन्हें कंपनी के बोर्ड में शामिल किया जाएगा।
यह नियुक्ति पिछले एमडी रुस्तम ईरानी की सेवानिवृत्ति के बाद हुई है, जो सलाहकार के रूप में कंपनी से जुड़े रहेंगे।
रुस्तम ईरानी 2011 से हिताची पेमेंट सर्विसेज में एक प्रमुख व्यक्ति रहे हैं, जो एमडी और सीईओ सहित विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं।
सुमिल विकमसे 2010 की शुरुआत में हिताची पेमेंट्स में शामिल हुए और उन्होंने वित्त, रणनीति और विकास, एनालिटिक्स, व्हाइट लेबल एटीएम कार्यक्रम और अन्य व्यावसायिक क्षेत्रों जैसे विभिन्न कार्यों में कंपनी के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
कंपनी विकमसे के अनुभव और कौशल को हिताची पेमेंट्स की सफलता और भुगतान उद्योग में अग्रणी के रूप में उसकी स्थिति के लिए महत्वपूर्ण मानती है।
हिताची पेमेंट सर्विसेज के उपाध्यक्ष लोनी एंटनी ने कंपनी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका और कैश बिजनेस में उनके नेतृत्व के लिए विकमसे की प्रशंसा की, उनके जन-केंद्रित दृष्टिकोण और भुगतान क्षेत्र के गहन ज्ञान पर प्रकाश डाला।
हीरो मोटोकॉर्प बोर्ड ने निरंजन गुप्ता को नियुक्त किया है मुख्य कार्यकारी अधिकारी
मोटरसाइकिल और स्कूटर बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी निर्माता कंपनी हीरो मोटोकॉर्प ने 1 मई, 2023 से निरंजन गुप्ता को अपना नया मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नियुक्त किया है।
निरंजन गुप्ता को हीरो मोटोकॉर्प में मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ), प्रमुख – रणनीति और एम एंड ए के रूप में उनकी भूमिका से पदोन्नत किया गया था।
डॉ. पवन मुंजाल बोर्ड में कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्णकालिक निदेशक के रूप में अपनी भूमिका जारी रखेंगे।
निरंजन गुप्ता ने अपने छह साल के कार्यकाल के दौरान हीरो मोटोकॉर्प के वित्तीय स्वास्थ्य और रणनीतिक साझेदारी में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिसमें हार्ले डेविडसन और ज़ीरो मोटरसाइकिल के साथ सहयोग शामिल है।
25 वर्षों से अधिक के अनुभव के साथ, गुप्ता के पास उपभोक्ता वस्तुओं, धातु और खनन और ऑटोमोबाइल जैसे विभिन्न क्षेत्रों में वित्त, विलय और अधिग्रहण, आपूर्ति श्रृंखला और रणनीति में विविध पृष्ठभूमि है।
गुप्ता अपने व्यापक नेतृत्व अनुभव को प्रदर्शित करते हुए एथर एनर्जी, एचएमसी एमएम ऑटो प्राइवेट लिमिटेड और एचएमसीएल कोलंबिया में निदेशक पदों पर भी हैं।
हीरो मोटोकॉर्प में शामिल होने से पहले, निरंजन गुप्ता ने विभिन्न वैश्विक भूमिकाओं में वेदांता लिमिटेड में तीन साल और यूनिलीवर में 20 साल बिताए।
डॉ. पवन मुंजाल ने गुप्ता की उनके व्यावसायिक कौशल, हीरो मोटोकॉर्प के विकास को परिभाषित करने में भूमिका और कंपनी के मजबूत नकदी प्रवाह और पूंजी आवंटन में योगदान के लिए प्रशंसा की।
सीईओ के रूप में गुप्ता की नियुक्ति को हीरो मोटोकॉर्प की प्रभावी उत्तराधिकार योजना और कंपनी के भविष्य के विकास और हितधारक मूल्य में उनके अपेक्षित योगदान के प्रमाण के रूप में रेखांकित किया गया है।
अपनी नियुक्ति पर, गुप्ता ने हीरो मोटोकॉर्प का नेतृत्व करने, वैश्विक विस्तार की योजनाओं, प्रीमियम सेगमेंट में प्रवेश करने और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को आगे बढ़ाने पर जोर देते हुए उत्साह व्यक्त किया।
निरंजन गुप्ता हीरो मोटोकॉर्प के बाजार नेतृत्व को और मजबूत करने और ग्राहक संतुष्टि और शेयरधारक मूल्य को बढ़ाने के लिए कंपनी के विजन, मिशन और मूल्यों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
गुप्ता ने हीरो मोटोकॉर्प का नेतृत्व करने के अवसर के लिए आभार व्यक्त किया, कंपनी की उत्साही टीम और “मोबिलिटी का भविष्य बनें” के दृष्टिकोण को स्वीकार किया।
हीरो मोटोकॉर्प ने घोषणा की कि जल्द ही एक नया सीएफओ नियुक्त किया जाएगा।
भारत का दूसरा सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम शहर में बनेगा
जयपुर में दुनिया के तीसरे और भारत के दूसरे सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण के लिए राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) और वेदांता के हिंदुस्तान जिंक (एचजेडएल) के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जाने की तैयारी है।
राजस्थान सरकार द्वारा आयोजित इन्वेस्ट राजस्थान समिट 2022 के हिस्से के रूप में, राजस्थान दिवस पर आरसीए अकादमी में एमओयू हस्ताक्षर समारोह होने वाला है।
वेदांता समूह के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने पहले शिखर सम्मेलन के दौरान अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम परियोजना के लिए सहयोग की घोषणा की थी।
एमओयू पर हस्ताक्षर करने वाले गणमान्य व्यक्तियों में सीपी जोशी (अध्यक्ष, राजस्थान विधानसभा और मुख्य संरक्षक, आरसीए), वैभव गहलोत (आरसीए अध्यक्ष), प्रिया अग्रवाल हैबर (अध्यक्ष, एचजेडएल, और निदेशक, वेदांता लिमिटेड), अरुण मिश्रा (सीईओ) शामिल हैं। एचजेडएल), और रितु झिंगोन (निदेशक ग्रुप कम्युनिकेशन, वेदांता लिमिटेड)।
एमओयू के बाद स्टेडियम का नाम “अनिल अग्रवाल इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम, जयपुर” रखा जाएगा।
राजस्थान सरकार ने स्टेडियम के लिए गांव चौप, दिल्ली रोड, जयपुर में 100 एकड़ जमीन आवंटित की है, जिसका निर्माण कार्य पहले से ही चल रहा है।
स्टेडियम में 75,000 दर्शकों के बैठने की क्षमता होगी, जिससे यह भारत के क्रिकेट बुनियादी ढांचे में एक महत्वपूर्ण वृद्धि होगी।
परियोजना दो चरणों में पूरी की जाएगी, पहला चरण अभी प्रगति पर है, जिसका लक्ष्य 40,000 सीटों वाला विश्व स्तरीय स्टेडियम बनाने का लक्ष्य है, जिसकी लागत रु. 400 करोड़. एचजेडएल रुपये का योगदान देगा। 300 करोड़, और आरसीए शेष रुपये को कवर करेगा। 100 करोड़.
स्टेडियम में 11 क्रिकेट पिच, 2 अभ्यास मैदान, एक क्रिकेट अकादमी, छात्रावास सुविधाएं, पार्किंग, एक स्पोर्ट्स क्लब, एक होटल और एक जिम सहित अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं होंगी।
पहला चरण पूरा होने पर इस महत्वाकांक्षी परियोजना का दूसरा चरण अगले साल शुरू होने की उम्मीद है।
सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने स्विस ओपन 2023 युगल खिताब जीता
चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी ने बेसल के सेंट जैकबशाले मैदान में चीन के टैन कियांग और रेन जियांग यू को हराकर स्विस ओपन 2023 पुरुष युगल खिताब जीता।
विश्व स्तर पर छठे स्थान पर मौजूद भारतीय जोड़ी ने 21-19, 24-22 के स्कोर के साथ दुनिया की 21वें नंबर की चीनी जोड़ी पर जीत के साथ 2023 सीज़न का अपना पहला खिताब जीता।
चीनी टीम की मजबूत रक्षा के बावजूद, जिसमें उल्लेखनीय 47-शॉट रैली भी शामिल थी, शेट्टी और रंकीरेड्डी ने BWF सुपर 300 फाइनल में पहला गेम हासिल किया।
यह हार स्विस ओपन 2023 में टैन कियांग और रेन जियांग यू के लिए पहली गेम हार है।
दूसरे गेम में कड़ा मुकाबला देखने को मिला जब तक स्कोर 11-11 से बराबर नहीं था, जिसके बाद शेट्टी के स्मैश और रंकीरेड्डी के सामरिक खेल ने भारतीय टीम को थोड़ी बढ़त दिला दी।
चीनी जोड़ी ने चार मैच प्वाइंट बचाकर वापसी की कोशिश की, लेकिन अंततः शेट्टी और रैंकीरेड्डी 54 मिनट में विजयी रहे।
इससे पहले भारतीय जोड़ी का आखिरी BWF खिताब फ्रेंच ओपन 2022 BWF सुपर 750 टूर्नामेंट था।
चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी अगले सप्ताह मैड्रिड में स्पेन मास्टर्स बीडब्ल्यूएफ सुपर 300 में प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार हैं।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी
देश में पहली बार चैटजीपीटी की मदद से ‘हत्या’ के मामले में जमानत पर फैसला
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने हत्या के एक मामले से संबंधित जमानत मामले में सहायता के लिए एआई चैटबॉट ChatGPT से परामर्श किया।
अपराध में शामिल क्रूरता के कारण अदालत ने आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी, लेकिन अदालत ने मुकदमे को शीघ्र पूरा करने का आदेश दिया।
उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि चैटजीपीटी का कोई भी संदर्भ मामले की योग्यता पर एक राय नहीं है, न ही इसे ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही को प्रभावित करना चाहिए।
चैटजीपीटी के इस उपयोग का उद्देश्य जमानत न्यायशास्त्र की व्यापक समझ प्रदान करना है, खासकर जहां क्रूरता एक महत्वपूर्ण कारक है।
न्यायमूर्ति अनूप चितकारा ने लुधियाना के जसविंदर सिंह उर्फ जस्सी द्वारा दायर जमानत याचिका की सुनवाई की अध्यक्षता की, जिस पर क्रूर हमले के कारण मौत का आरोप था।
मारपीट का मामला लुधियाना के शिमलापुरी पुलिस कमिश्नरेट में दर्ज किया गया था.
अदालती कार्यवाही के दौरान आरोपी को तीन अन्य आपराधिक मामलों में शामिल पाया गया।
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि परीक्षण से पहले कैद करने से उसे और उसके परिवार को अपूरणीय क्षति होगी।
राज्य के वकील ने आरोपी के आपराधिक इतिहास और भविष्य में अपराध की संभावना का हवाला देते हुए जमानत का विरोध किया।
अदालत ने कहा कि क्रूरता, खासकर जब मौत की ओर ले जाती है, जमानत के फैसलों में एक महत्वपूर्ण कारक है, जो प्रत्यक्ष पीड़ितों और समुदाय दोनों को प्रणालीगत रूप से प्रभावित करती है।
क्रूरता से जुड़े मामलों में जमानत मानदंडों पर वैश्विक परिप्रेक्ष्य इकट्ठा करने के लिए, अदालत ने चैटजीपीटी ओपन एआई से जानकारी मांगी।
चैटजीपीटी ने जवाब दिया कि जमानत के फैसले मामले की बारीकियों, क्षेत्राधिकार कानूनों और अपराध की गंभीरता, प्रतिवादी के आपराधिक इतिहास और सबूत की ताकत जैसे कारकों पर निर्भर करते हैं। इसमें निर्दोषता की धारणा और जमानत की संभावना पर जोर दिया गया जब तक कि इसे अस्वीकार करने के लिए बाध्यकारी कारण मौजूद न हों।
अंततः, पीठ ने जमानत याचिका खारिज करने का फैसला किया, लेकिन ट्रायल कोर्ट को अपने अंतिम निर्णय में चैटजीपीटी की प्रतिक्रिया का सीधे संदर्भ दिए बिना, 31 जुलाई तक मुकदमा समाप्त करने का निर्देश दिया।
किताबें और लेखक
एक किताब जिसका शीर्षक है “युद्ध और युद्ध” डॉ. एमए हसन द्वारा लिखित ‘वीमेन” का विमोचन किया गया
स्विट्जरलैंड के जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के 52वें सत्र के दौरान “युद्ध और महिलाएं” नामक पुस्तक का विमोचन किया गया। लेखक, डॉ एम ए हसन ने पुस्तक प्रस्तुत की, जो 1971 के युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना द्वारा की गई यौन हिंसा की शिकार बंगाली महिलाओं की पीड़ा पर प्रकाश डालती है। यह कार्यक्रम यूरोप में बांग्लादेश स्वतंत्रता सेनानी संसद द्वारा आयोजित किया गया था और इसे इस मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण माना गया था।
नियोगी बुक्स ने एक नई किताब ‘व्हाई कैन नॉट एलिफेंट्स बी रेड?’ जारी की है।
अभिनेत्री और भारतीय सेंसर बोर्ड की सदस्य वाणी त्रिपाठी टीकू ने बच्चों के लिए अपनी पहली किताब “व्हाई कैन्ट एलिफेंट्स बी रेड??” नियोगी बुक्स द्वारा प्रकाशित। यह किताब अक्कू नाम की ढाई साल की लड़की के बारे में है जो कल्पनाशील, साहसी है और गुड़गांव और सिंगापुर में पली-बढ़ी है।
विश्व बैकअप दिवस एक वार्षिक कार्यक्रम है जो डेटा बैकअप और सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 31 मार्च को होता है। यह दिन व्यक्तियों और संगठनों को अपने डेटा की सुरक्षा के लिए सक्रिय कदम उठाने और हार्डवेयर विफलता, साइबर हमले या अन्य अप्रत्याशित घटनाओं के कारण महत्वपूर्ण जानकारी के नुकसान को रोकने के लिए प्रोत्साहित करता है। विश्व बैकअप दिवस पहली बार 31 मार्च, 2011 को इस्माइल जादुन नामक एक डिजिटल रणनीति और परामर्श फर्म की पहल के रूप में मनाया गया था। लक्ष्य डेटा बैकअप और सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना और व्यक्तियों और संगठनों को अपने डेटा की सुरक्षा के लिए सक्रिय कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित करना था।
अंतर्राष्ट्रीय ट्रांसजेंडर दृश्यता दिवस 2023 31 मार्च को मनाया गया
ट्रांसजेंडर डे ऑफ विजिबिलिटी एक वार्षिक अवकाश है जो 31 मार्च को ट्रांसजेंडर लोगों की उपलब्धियों और योगदान का जश्न मनाने के साथ-साथ दुनिया भर में ट्रांसजेंडर समुदाय द्वारा सामना किए जाने वाले भेदभाव और हिंसा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। ट्रांसजेंडर डे ऑफ विजिबिलिटी लैंगिक पहचान और अभिव्यक्तियों की विविधता का जश्न मनाने और ट्रांसजेंडर समुदाय की समझ और स्वीकृति को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
अंतर्राष्ट्रीय औषधि जाँच दिवस 2023 31 मार्च को मनाया गया
अंतर्राष्ट्रीय ड्रग चेकिंग दिवस एक वार्षिक कार्यक्रम है जो 2017 से 31 मार्च को मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को दवाओं और उनके प्रभावों के बारे में शिक्षित करना और नशीली दवाओं के उपयोग से जुड़े जोखिमों को कम करने के लिए नुकसान कम करने की पहल को बढ़ावा देना है। इसका मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में दवा जांच सेवाओं और संगठनों की उपलब्धता के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना है। यह दिन नशीली दवाओं से संबंधित नुकसान कम करने के कार्यों के महत्व पर जोर देता है और इसका उद्देश्य नशीली दवाओं से संबंधित जोखिमों को कम करना है।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण बातें:
विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थापना: 7 अप्रैल 1948;
विश्व स्वास्थ्य संगठन मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्जरलैंड;
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख: डॉ. टेड्रोस एडनोम घेब्रेयेसस।
डेली करंट अफेयर्स, इम्पोर्टेन्ट न्यूज़, स्टडी मैटेरियल्स और गवर्नमेंट जॉब्स की बहाली की नोटिफिकेशन पाने के लिए हमारे WhatsApp Group और Telegram Group में जुड़े। जिससे की आपके पास जानकारी जल्द से जल्द पहुंच सके और सभी नोटिफिकेशन्स से आप अवगत रहे।
SSC CHSL Exam 2024 Notification: यह नोटिस आयोग की नई वेबसाइट के लॉन्च की घोषणा करता है और उम्मीदवारों को आगामी संयुक्त उच्चतर माध्यमिक (10+2) स्तरीय परीक्षा 2024 के बारे में सूचित करता है। उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे नई वेबसाइट पर पंजीकरण करें और अपने आवेदन के हिस्से के रूप में लाइव तस्वीरें जमा करने के लिए विशिष्ट दिशानिर्देशों का पालन करें। . पंजीकरण और फोटो जमा करने के लिए विस्तृत निर्देश दिए गए हैं।
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आयोग ने अपनी नई वेबसाइट https://ssc.gov.in/ लॉन्च की है, जो 17 फरवरी, 2024 से प्रभावी है, जबकि मौजूदा साइट https://ssc.nic.in/ पहुंच योग्य बनी हुई है। उम्मीदवारों को सूचित किया जाता है कि संयुक्त उच्चतर माध्यमिक (10+2) स्तरीय परीक्षा 2024 के लिए नोटिस नई वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाएगा, जिसके लिए उन्हें पहले से एक नया वन टाइम पंजीकरण (ओटीआर) पूरा करना होगा। अद्यतन आवेदन प्रक्रिया में अब लाइव तस्वीरें खींचना शामिल है, जिसके लिए उम्मीदवारों को स्थान, मुद्रा और पोशाक के संबंध में विशिष्ट दिशानिर्देशों का पालन करना होगा। इस उपाय का उद्देश्य पंजीकरण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना और आवेदनों की प्रामाणिकता को बढ़ाना है।
आगामी परीक्षा अधिसूचना:
परीक्षा: संयुक्त उच्चतर माध्यमिक (10+2) स्तरीय परीक्षा, 2024
सूचना प्रकाशन: नई वेबसाइट पर घोषित किया जाएगा।
आवेदन जमा करना: केवल नई वेबसाइट (https://ssc.gov.in/) के माध्यम से।
एक्शन रिक्वायर्ड:
1. एक बार पंजीकरण (ओटीआर):
अभ्यर्थियों को नई वेबसाइट पर एक नया ओटीआर बनाना होगा; पिछले ओटीआर मान्य नहीं होंगे.
परीक्षा नोटिस से काफी पहले ओटीआर पूरा करने की सिफारिश की गई।
2. एप्लिकेशन मॉड्यूल अद्यतन:
एक नया फीचर आवेदन प्रक्रिया के दौरान लाइव तस्वीरें खींचेगा।
उपयुक्त उपकरण: कंप्यूटर/लैपटॉप वेबकैम या एंड्रॉइड डिवाइस।
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