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Diwali Season Fraud: अगर आप इस दीवाली गाडी खरीदने जा रहे है तो ये 10 चीजें जरूर चेक कर लेना

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अगर इस दिवाली, आप कोई भी नई बाइक या स्कूटर खरीदने वाले हों तो ये लेख आपके लिए 100% उपयोगी होने वाला है। क्योंकि बाइक या स्कूटर खरीदने के समय दिवाली सीजन में घोटाले | Diwali Season Fraud होते हैं।

शोरूम वाले अक्सर दिवाली के फेस्टिव सीजन में तरह-तरह के ऑफर निकलते रहते हैं जैसे – लोन और एक्सचेंज मेला हो गया, दिवाली बंपर धमाका हो गया, जीरो डाउन पेमेंट या गाड़ियों के साथ मोबाइल, टीवी आदि फ्री और इनसब के बीच आपके साथ हो जाता है है दिवाली सीज़न घोटाला | Diwali Season Fraud.

अगर आपको लगता है कि दिवाली के बंपर ऑफर में आपने कम पैसे में बाइक या स्कूटर खरीद ली है। लेकिन ऐसा होता नहीं है, उल्टा आपका ज्यादा पैसा लग जाता है, साथ ही आपको पुरानी या खराब गड़ियां मिल जाती है। अगर आपको इस दिवाली गाड़ी खरीदनी है तो ये 10 टिप्स आपके लिए बहुत ही फ़ायदेमंद होंगे।

आईये जानते हैं की दिवाली सीजन फ्रॉड | Diwali Season Fraud में किन 10 चीज़ों का ध्यान रखना है:

New Bike but Old Stock

आप दिवाली में पूरा पैसा देके नई गाड़ी घर ले जाते हैं और वो तुरंत ही खराब होने लगती है। बीएस III या बीएसIV में समस्या नहीं थी लेकिन बीएस VI के पुराने स्टॉक में समस्या होती है। अक्सर दिवाली में होता है कि सभी को अपनी गाड़ी की डिलीवरी जल्दी चाहिए और ऐसे में शोरूम वाले क्या करते हैं की 1.5 साल या 2 साल पुराने स्टॉक की डिलीवरी पहले करते हैं। और ऐसे में जब आप इन्हें खरीदते हैं तो समस्याएं शुरू हो जाती हैं।

ऐसे मैं जो भी बाइक बाइक का मॉडल या यूनिट आपको डिलीवर हो रहा है उसका चेसिस नंबर पहले सेल्स मैन से मांग लें।
चेसिस नंबर के 10वें स्थान पर दिए गए लेटर या नंबर से हमें गाड़ी का निर्माण वर्ष पता लगता है। आप जो गाड़ी लेने वाले हैं उसके चेसिस नंबर का 10वां कैरेक्टर ‘पी’ होना चाहिए, जो दर्शाता है कि वो 2023 में मैन्युफैक्चर हुआ है। नीचे दिए गए पिक्चर की मदद से, आप अपनी गाड़ी का निर्माण वर्ष पता कर सकते हैं।

Showrooms Price Comparison

अक्सर शोरूम वाले बहुत सी चीजें फ्री देते हैं जैसे कि टीवी, मोबाइल फोन, हेलमेट, दस्ताने आदि। वो क्या करते हैं की ऑनरोड कीमत में बढ़ोतरी कर के देते हैं, इंश्योरेंस, पीडीआई या किसी अन्य चीज के नाम पर दाम बढ़ा देते हैं।

ऐसे मैं आप ये कर सकते हैं – जितने भी आपके घर के आस-पास शोरूम हैं, हर जगह जा के गाड़ी की ऑनरोड कीमत की तुलना करें और जहां भी कीमत कम हो वहीं से ले। शोरूम के द्वार दिए गए ऑफर के चक्कर में न पड़े।

Per Delivery Inspection (PDI)

जो गाड़ियां शोरूम में डिलीवर होती हैं कंपनी से वो पूरी असेंबल नहीं होती है। बहुत से काम बाकी होता है जैसे कि साइड मिरर, मड-गॉर्ड आदि जो शोरूम वाले बाकी चीजें शोरूम में असेंबल करते हैं।
डिलीवरी लेने से पहले एक बार सारे पार्ट्स को जांच ले की जो जरूरी चीजें होनी चाहिए वो आपकी बाइक में लग गई है या नहीं।

Inspection

जब भी नई गाड़ियों का डिलीवरी कंपनी के शोरूम में होता है, तो बहुत सी गाड़ियों में डेंट या स्क्रैच हो जाता है। दिवाली में डिलीवरी की भीड़ होने के कारण, शोरूम वाले खराब बाइक की वारंटी क्लेम नहीं करते हैं और वो खराब बाइक या स्कूटर की डेंटिंग पेंटिंग और टच अप देके वैसे ही ग्राहक को डिलीवर कर देते है।

इसमें आपको करना है कि जिस मॉडल, यूनिट और चेसिस नंबर की गाड़ी आपको डिलीवर डिलीवर होने वाला है, आप उसे मंगाएं या फिजिकली उसका अच्छी तरह से निरीक्षण करें। चेक करो लो कि कहीं और डेंट या स्क्रैच तो नहीं है।

Test Ride

जब भी नई गाड़ी लेने जाते हैं या सेल्स मैन को टेस्ट ड्राइव के लिए बोलते हैं तो वो हमें एक टेस्ट राइड वाली बाइक दे देते हैं और हम उसको चलाते हैं और फिर शोरूम वाले हमें दूसरी नई बाइक दे देते हैं और हम उसको घर चले आते है l ऐसा बिलकुल नहीं करना है.

ऐसे में आपको करना है की जो भी मॉडल, यूनिट और चेसिस नंबर की गाड़ी आपको डिलीवर करने वाली है। आप उसे मंगाओ या उसकी टेस्ट राइड करो। आप उसको 4 – 5 किमी चलाओ और आचे से जांच लो कि एलाइनमेंट या और किसी चीज़ में कोई दिक्कत तो नहीं। फिर उसके बाद बाइक की डिलीवरी लो।

Finance Scheme

अक्सर क्या होता है कि जब आपको गाड़ी खरीदनी होती है, तो आप सेल्स मैन को बोलते हैं कि आपको ये मॉडल की बाइक लोन पर चाहिए। सेल्समैन एक लोन एजेंट को आपका पास लाता है और बैठा देता है। और वो एजेंट आपको डाउन पेमेंट या ईएमआई के बारे में बताता है। ऐसा नहीं करना है?

ऐसे में आप, सेल्स मैनेजर से पूछिए कि उनके पास कौन-कौन से बैंक से लोन लेने की सुविधा उपलब्ध है। आप उन सारी बैंकों के कोटेशन ले लो। और सभी बैंकों के द्वारा दिए जाने वाले लोन और इंटरेस्ट रेट की तुलना करें। कौन सा बैंक कितना प्रतिशत ब्याज दर चार्ज कर रहा है। फ़िर उसके बाद फाइनेंस पे बाइक ख़रीदे।

Pre-Booking

खास कर दिवाली के टाइम लोग चाहते हैं कि उनकी बाइक धनतेरस या उसके एक दिन पहले उनके पास डिलीवर हो जाए। जिसके लिए लोग कुछ पैसे देके बाइक की प्री-बुकिंग करवा लेते हैं। बाइक की प्री-बुकिंग करनी भी चाहिए इसमें कोई समस्या नहीं है। लेकिन दिवाली के समय बाइक्स की ऑनरोड कीमत में उतार-चढ़ाव होता रहता है। जब आप अपनी बाइक की डिलीवरी लेने जाते हैं तो शोरूम वाले आपसे ज्यादा पैसे ले लेते हैं।

ऐसे में जब भी आप बाइक की प्री-बुकिंग करवाएं तो एक बात सेल्स मैनेजर से कन्फर्म कर लें कि जिस वास्तविक कीमत पर आप बाइक की प्री-बुकिंग करवा रहे हैं। डिलीवरी के समय भी उतना ही भुगतान करना होगा। जिससे शोरूम वाले आपसे ज्यादा पैसा ना मांग सके।

Accessories

सबसे ज्यादा धोखा या सबसे ज्यादा पैसे की हेरा-फेरी, शोरूम वाले एसेसरीज में ही करते हैं। और आपको अंदाज़ा भी नहीं होता है कि एक्सेसरीज़ के चक्कर में आप कितना ज़्यादा पेमेंट कर देते हैं।

अक्सर शोरूम का सेल्समैन आपसे कहेगा – “अगर आपको ये मॉडल की बाइक लेनी है तो इसके साथ फलाना और एक्सेसरीज लेना होगा तभी आपको बाइक डिलीवर कर पाएंगे।”

शोरूम में होता है कि ओरिजिनल के साथ-साथ डुप्लीकेट मार्केट एसेसरीज को भी, वो लोग 4 से 5 गुना दाम बढ़ा के बेचते हैं।

कानून के मुताबिक, यह पूरी तरह आप पर निर्भर करता है कि आप उन एक्सेसरीज को खरीदने के इच्छुक हैं या नहीं।

अगर आप एसेसरीज लेते भी हैं तो एक बार कीमत जरूर जांच लें, कि आपने अलग-अलग एसेसरीज की कितनी कीमत चुकाई है।

Price Break-up

अक्सर आप शोरूम में जाकर पूछते हैं कि “फलाना मॉडल की बाइक की क्या कीमत है?” हां “फलाना मॉडल की बाइक की एक्स-शोरूम कीमत क्या है?”

लेकिन नई बाइक लेते समय हमेशा बाइक का प्राइस ब्रेक-आपको मांगना चाहिए। क्योंकि प्राइस ब्रेक अप में एक्सशोरूम कीमत, आरटीओ शुल्क, पीडीआई, लॉजिस्टिक, हैंडलिंग, बीमा और एक्सेसरीज का मूल्य विवरण शामिल होता है।

एक्स-शोरूम तो कंपनी तय करती है या आरटीओ शुल्क भी तय ही होता है। लेकिन लॉजिस्टिक, हैंडलिंग, इंश्योरेंस, पीडीआई और एक्सेसरीज की कीमत शोरूम वाले तय करते हैं।

फिर आप लॉजिस्टिक, हैंडलिंग, इंश्योरेंस, पीडीआई और एक्सेसरीज में बहुत ज्यादा डिस्काउंट करवा सकते हैं। कुल मिलाकर आपके बाइक की कीमत कम हो जाएगी। इनसब को समझो और तब ही बाइक खरीदो।

All Bill and Invoices

बाइक खरीदने के बाद आपके शोरूम वाले आपको गाड़ी का बिल, आरटीओ रजिस्ट्रेशन, बीमा आदि दे देते हैं या बोलते हैं आपकी गाड़ी तैयार हो गई है।

ऐसे में बाइक डिलीवरी के पहले, कृपया जांचें और मिलान करें कि क्या एक्सशोरूम का मूल्य, आरटीओ का, बीमा का जो भुगतान किया है वो उसमें है कि नहीं। अक्सर ये होता है कि जो आपने पेमेंट किया है उसे कम बिल पेमेंट का इनवॉइस आपको दे दिया जाता है और आपसे ज्यादा चार्ज कर लिया जाता है।

इस दिवाली में अगर आप बाइक या स्कूटर खरीदने की सोच रहे हैं तो इन 10 टिप्स का ध्यान जरूर रखें, जिसे आप बिना Diwali Season Frauds में लूटे हुए सही कीमत पर अपने मन चाही बाइक या स्कूटर अपने घर ले जा सकें और निराश महसुस ना कर सकें।


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